सीतापुर में आबकारी इंस्पेक्टर ने खुद को गोली मारकर की आत्महत्या
घर पर अकेले रहने की वजह से वह मानसिक रूप से परेशान थे। उन्होंने लिखा, "मैं अपने आप को समाप्त कर रहा हूं, इसका कोई जिम्मेदार नहीं है...

सीतापुर में आबकारी इंस्पेक्टर आलोक श्रीवास्तव ने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने अपनी कार को लॉक कर उसमें कनपटी पर गोली चलाई। घटना के बाद परिवारजन उन्हें अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
परिजनों के अनुसार, आलोक श्रीवास्तव बांदा में तैनात थे, जबकि उनकी पत्नी अमृता श्रीवास्तव सहायक आबकारी आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं। पुलिस मौके पर पहुंची और कार से रिवाल्वर बरामद कर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस को एक महिला ने उनका सुसाइड नोट सौंपा है। घटना शहर कोतवाली क्षेत्र में घटी।
आत्महत्या के कारणों की जांच में जुटी पुलिस
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस इस आत्महत्या के पीछे निजी या पेशेवर कारणों की जांच कर रही है। हालांकि, अब तक स्पष्ट वजह सामने नहीं आई है।
परिजनों से बातचीत के आधार पर पुलिस मामले की जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों के आधार पर आत्महत्या के असली कारणों का पता चलेगा।
सुसाइड नोट में लिखे गए अहम बातें
आलोक श्रीवास्तव ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि अयोध्या में तैनाती के दौरान उन्हें छह साल पहले निलंबित कर दिया गया था। पांच साल पहले बहाल होने के बावजूद, उन्हें नई तैनाती नहीं दी गई। घर पर अकेले रहने की वजह से वह मानसिक रूप से परेशान थे। उन्होंने लिखा, "मैं अपने आप को समाप्त कर रहा हूं, इसका कोई जिम्मेदार नहीं है।"
सुसाइड नोट पुलिस को सौंपने वाली महिला का बयान
पुलिस को सुसाइड नोट पूनम नाम की महिला ने सौंपा। पूनम ने बताया कि वह आलोक श्रीवास्तव की पत्नी से मिलने सीतापुर आई थीं, लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी। इसके बाद उन्होंने पुलिस को सुसाइड नोट दिया।
पूनम ने कहा, "मैं आलोक श्रीवास्तव को पांच साल से जानती हूं। अयोध्या में उनकी और उनकी पत्नी की तैनाती थी। हम उनके घर आते-जाते थे। मैं सीतापुर में मैडम से मिलने आई थी, लेकिन घर पर सिर्फ बच्चे थे। मुझे इस घटना की जानकारी नहीं थी। जब बेटे ने बताया कि पापा कहीं दवा खाने गए हैं, तो हमने आसपास उनकी कार देखी। वहां सुसाइड नोट मिला।"
बेटे ने बताया— कैसे मिली पिता की कार
आलोक श्रीवास्तव के बेटे आयांक ने बताया कि उनके पिता मंगलवार सुबह 5 बजे घर से निकले थे। जब परिवार के लोग किसी काम से बाहर निकले तो उन्होंने कार देखी, जो लॉक थी। इसके बाद मिस्त्री को बुलाकर कार का लॉक खुलवाया गया। कार में पिता खून से लथपथ पड़े थे। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पत्नी भी आबकारी विभाग में अधिकारी
आलोक श्रीवास्तव मूल रूप से फर्रुखाबाद के रहने वाले थे। उनकी पत्नी अमृता श्रीवास्तव बांदा में सहायक आबकारी आयुक्त के पद पर तैनात हैं। उनके एक बेटा और एक बेटी हैं। पुलिस के अनुसार, उन्होंने कार को लॉक कर खुद को गोली मारी। गोली की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने कार से खून से लथपथ शव बरामद कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
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