बुन्देलखण्ड महाविद्यालय को 75 वर्ष बाद मिलेगा कुलगीत
बुंदेलखंड महाविद्यालय में 11 अप्रैल से तीन दिवसीय बुंदेली महोत्सव आयोजन करने जा रहा है...

तीन दिवसीय बुंदेली महोत्सव 11 अप्रैल से
झांसी। बुंदेलखंड महाविद्यालय में 11 अप्रैल से तीन दिवसीय बुंदेली महोत्सव आयोजन करने जा रहा है। इसमें राष्ट्रीय पुस्तक मेला, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं चित्रकला प्रदर्शनी से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह कार्यक्रम बुन्देलखण्ड महाविद्यालय के लिए और भी ऐतिहासिक इसलिए होगा क्योंकि 1949 में इसकी स्थापना से लेकर अब तक महाविद्यालय का कोई कुलगीत नहीं था। 75 वर्ष पूर्ण होने पर इस कार्यक्रम में महाविद्यालय को अपना कुलगीत भी मिलने जा रहा है। यह जानकारी गुरूवार काे प्रधानाचार्य प्रो.एस के राय ने पत्रकार वार्ता कर दी।
उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय आयोजन का एक उद्देश्य युवाओं में बुंदेली भाषा का प्रचार प्रसार करना भी है। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मुकेश पाण्डेय और डीआईजी केशव कुमार चौधरी करेंगे। साथ ही भारत की अवधारणा पर गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। बुंदेली महोत्सव के साथ बुंदेलखंड के पारंपरिक व्यंजन की प्रतियोगिता होगी। बुंदेलखंड लोक कथा वाचन, लोक नृत्य और लोकगीत की प्रतियोगिताएं भी होंगी। इस दौरान बुंदेली भित्तिचित्र एवं पारंपरिक कला प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा। 12 अप्रैल को राष्ट्रीय सेमिनार में भारत की अवधारणा मुख्य विषय पर रामाशीष, एड. मोनिका अरोरा, अनिल कुमार, प्रो.अखिलेश आदि अपने विचार व्यक्त करेंगे। 13 अप्रैल को समापन के दिन पुरातन छात्र समिति की संगोष्ठी और नारी शक्ति बंधन तथा नारी शक्ति पुरस्कार वितरण एवं सम्मान समारोह का आयोजन होगा।
इस दौरान डॉ. एल सी साहू ने बताया कि बुंदेलखंड महाविद्यालय का कुलगीत तैयार किया गया है, जिसकी लॉचिंग बुंदेली महोत्सव में की जाएगी। इस दाैरान अरविंद परमार, जीतेन्द्र तिवारी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार
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