बारिश से बरियारपुर बांध उफनाया, जलशक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद ने निरीक्षण कर दिए आवश्यक निर्देश

मध्य प्रदेश की घाटियों में हो रही मूसलाधार बारिश के चलते बरियारपुर बांध उफना गया है। जिसका रविवार को प्रदेश के जलशक्ति राज्यमंत्री..

बारिश से बरियारपुर बांध उफनाया, जलशक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद ने निरीक्षण कर दिए आवश्यक निर्देश

बांदा, 

मध्य प्रदेश की घाटियों में हो रही मूसलाधार बारिश के चलते बरियारपुर बांध उफना गया है। जिसका रविवार को प्रदेश के जलशक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद ने निरीक्षण किया और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। इस बीच सिंचाई विभाग ने मुख्य केन नहर चालू कर दी है। अतर्रा और बांदा ब्रांचों में पानी छोड़ा जा रहा है, वहीं बांध के क्रस्टवॉल से 46.273 क्यूसेक बांध का पानी केन नदी में भी डिस्चार्ज हो रहा है। जिससे नदी का जलस्तर भी एक बार फिर बढ़ने लगा है।

करीब 113 वर्ष पुराने बरियारपुर बांध में बारिश के चलते तेजी से पानी जमा हो रहा है। इसीलिए क्रस्टवॉल से केन नदी में पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है और नहर में भी पानी छोड़ दिया गया है। बांध की निगरानी के लिए सिंचाई विभाग की टीम तैनात कर दी गई है। यह टीम हर घण्टे बाढ़ की स्थिति की जानकारी देती रहेगी। बाढ़ को नियन्त्रित करने के लिए मुख्य केन नहर में तेइस सौ क्यूसेक, अतर्रा ब्रांच में 1350 क्यूसेक और बांदा ब्रांच में 433 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

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इधर क्रस्टवॉल से बह रहा पानी केन नदी में जा रहा है। जिससे नदी का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने लगा है। केन्द्रीय जल आयोग के मुताबिक रविवार को शाम छह बजे नदी का जलस्तर भूरागढ़ में 97.78 मीटर रिकार्ड किया गया और अभी भी हर घण्टे तीन सेन्टीमीटर पानी बढ़ रहा है। हालांकि केन की डेंजर लाइन 104 मीटर है, जिससे फिलहाल बाढ़ का खतरा नहीं है। वहीं दूसरी तरफ चिल्ला में यमुना नदी का जलस्तर घटने से प्रशासन ने राहत की सांस ली है। यहां पर 95.93 मीटर जलस्तर रिकार्ड किया गया।

केन्द्रीय जल आयोग के मुताबिक यमुना तीन सेन्टीमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से घट रही है। यमुना की डेंजर लाइन 100 मीटर है। इधर बरियारपुर बांध के उफना जाने की खबर पर केन नदी में बाढ़ की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के जलशक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद जब बरियारपुर बांध पहुंचे तो सिंचाई विभाग के अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए। बांध का भ्रमण करने के बाद उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बांध की निगरानी में किसी तरह की लापरवाही न बरती जाए।

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