प्रदेश के स्कूलों में मिड डे मील में बांदा मॉडल लागू
बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित प्रदेश के विद्यालयों के साथ ही सरकारी सहायता प्राप्त, गैरसरकारी सहायता प्राप्त और मान्यता प्राप्त स्कूलों में जूनियर हाई स्कूल तक के बच्चों को मिड डे मील की व्यवस्था है जिसमें अब बांदा मॉडल लागू किया जाएगा...
बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित प्रदेश के विद्यालयों के साथ ही सरकारी सहायता प्राप्त, गैरसरकारी सहायता प्राप्त और मान्यता प्राप्त स्कूलों में जूनियर हाई स्कूल तक के बच्चों को मिड डे मील की व्यवस्था है, जिसमें अब बांदा मॉडल लागू किया जाएगा।इसके लिए अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रभात कुमार द्वारा आदेशित किया गया है।
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क्यों लागू हुई नई व्यवस्था
अधिकांश सरकारी स्कूलों में अध्यापकों द्वारा छात्रों की उपस्थिति संख्या अधिक से अधिक दिखाकर इस योजना में घपले बाजी कर सरकारी धन को चुना लगाया जा रहा था। इस मामले की समीक्षा की गई तो पाया गया कि मिड डे मील के नाम पर भारी धांधली की जा रही है।
क्या है बांदा मॉडल
जनपद बांदा में तत्कालीन जिलाधिकारी हीरालाल ने प्रयोग के तौर पर मिड डे मील मे धांधली रोकने के लिए छात्रों का हस्ताक्षर कराना शुरू किया। कक्षा 1 और 2 के छात्र जो हस्ताक्षर नहीं कर पा रहे थे उनसे एक कोड वर्ड प्रतिदिन लिखवा दिया गया। जो छात्र अनुपस्थित रहते थे उनके छात्रों के कॉलम में स्कूल बंद होने से पूर्व लाल स्याही लगा दी जाती है ताकि छात्रों की संख्या में किसी तरह की धांधली न होने पाए । इसके पूर्व अध्यापकों द्वारा उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर के स्थान पर उपस्थिति कॉलम में पी लिख दिया जाता था।अब जब हस्ताक्षर अनिवार्य हो गए तो गड़बड़ी की आशंका भी खत्म हो गई।
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शासन से ली गई थी मंजूरी
तत्कालीन जिलाधिकारी हीरालाल ने इस योजना को बांदा में लागू करने के लिए 6 जनवरी 2019 को अपर मुख्य सचिव प्रभात कुमार को पत्र लिखा था। जिसमें प्रयोग के तौर पर स्कूलों में छात्रों से रजिस्टर में हस्ताक्षर कराने की अनुमति मांगी थी। जिस पर अपर सचिव प्रभात कुमार द्वारा 20 जनवरी 2019 को अनुमति दे दी गई थी, साथ ही एक पत्र जारी कर सभी जनपदों के डीएम, मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक और बीएसए को मिड डे मील योजना में बांदा मॉडल लागू करने का आदेश दिया।
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लॉकडाउन के कारण इस समय विद्यालय बंद है लेकिन विद्यालय खुलने पर मिड डे मील में बांदा मॉडल अपनाया जाएगा। जिसके तहत मिड डे मील योजना के रजिस्टर में क्रम संख्या, छात्र, छात्रा का नाम, कक्षा और दिनांक सहित हस्ताक्षर का कालम बना हुआ है, इसे प्रत्येक दिन भरना होगा और अनुपस्थित रहने वाले छात्रों के कालम में लाल स्याही लगाई जाएगी ताकि मिड डे मील में किसी तरह की गड़बड़ी न होने पाए।