मौत को दावत दे रहे अंडर ब्रिज को कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी

बुन्देलखण्ड के जनपद बांदा में कचहरी रेलवे क्रॉसिंग बंद हो जाने के बाद क्वेटरा रेलवे क्रॉसिंग को भी बंद कर दिया गया और इसके स्थान पर अंडर ब्रिज को चालू किया गया। यह अंडर ब्रिज इतना खतरनाक हो गया है कि...

मौत को दावत दे रहे अंडर ब्रिज को कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी
मौत को दावत दे रहे अंडर ब्रिज को कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी

बुन्देलखण्ड के जनपद बांदा में कचहरी रेलवे क्रॉसिंग बंद हो जाने के बाद क्वेटरा रेलवे क्रॉसिंग को भी बंद कर दिया गया और इसके स्थान पर अंडर ब्रिज को चालू किया गया। यह अंडर ब्रिज इतना खतरनाक हो गया है कि इसमें आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं जिससे किसी भी समय किसी की जान जा सकती है। कई बार इस बारे में रेलवे को अवगत कराया गया, इसके बाद भी इसमें सुधार नहीं हुआ। अब इस अंडर ब्रिज को संत कृपाल सिंह विधि महाविद्यालय के प्रबंधक यश शिवहरे कोर्ट में चुनौती देने जा रहे हैं।

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इस बारे में श्री शिवहरे ने बताया कि कल मैं भी इस अंडर ब्रिज में दुर्घटना का शिकार हो गया।  गनीमत है कि मेरी जान बच गई। उन्होंने बताया कि आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए केवटरा रेलवे क्रॉसिंग को बंद करके अंडर ब्रिज बनाया गया था, लेकिन ठेकेदार की मनमानी से यह कुछ ही दिन खस्ताहाल हो गया। सड़क दर परत उखड़ने लगी। सड़क पर बिछाई गई सरिया तक बाहर निकल आई है। सैकड़ों वाहनों का प्रतिदिन इसी मार्ग से सफर होता है।आए दिन दो पहिया वाहन चालक या फिर ई रिक्शा में सवार यात्री सड़क पर गिर जाते हैं। अगर जगह जगह निकली लोहे की सरिया उनके पेट  में कहीं धस गई तो उन्हें मौत के मुंह से बचाना मुश्किल हो जाएगा।

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इस बारे में जनप्रतिनिधि बड़े-बड़े दावे करते हैं कि जल्दी इस अंडर ब्रिज का सुधार हो जाएगा, लेकिन उनके दावे पिछले 2 सालों से खोखले साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में जनप्रतिनिधियों की चुप्पी को देखते हुए हमें खुद आगे आना होगा। अंडर ब्रिज के निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है, जिसके कारण बनते ही सड़क में सरिया निकल आई और सड़क भी  जगह-जगह उखड़ गई। इसके लिए जिम्मेदार व्यक्तियों को सबक सिखाने के लिए मैंने न्यायालय की शरण में जाने का निर्णय लिया है। इसके लिए अधिवक्ताओं से बातचीत की गई है और जल्दी ही इस मामले को कोर्ट में दाखिल किया जाएगा।

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