बाँदा : प्रतिबंधित मशीनों से अंधाधुंध बालू खनन कर केन नदी की जलधारा को मिटाने की साजिश
जनपद बांदा में बालू खनन माफिया जिस तरह से प्रतिबंधित मशीनों के जरिए नदी की धारा पर रास्ता बना कर अंधाधुंध गहराई तक बालू खनन कर रहे हैं..

जनपद बांदा में बालू खनन माफिया जिस तरह से प्रतिबंधित मशीनों के जरिए नदी की धारा पर रास्ता बना कर अंधाधुंध गहराई तक बालू खनन कर रहे हैं। उससे केन नदी की जलधारा मिटने की संभावना पैदा हो गई है। अगर अवैध खनन इसी तरीके से चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब केन नदी का अस्तित्व ही मिट जाएगा। ताजा मामला शहर से मात्र 7 किलोमीटर दूर अछरौड़ बालूखंड 2 का है। जहां पर बेखौफ होकर बालू माफिया केन नदी में अवैध खनन कर रहे हैं।
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इन्हें न तो शासन का डर है और न प्रशासन का खौफ है। तभी तो इन्होंने नदी के बीच धारा में रास्ता बना दिया है और इसी रास्ते के जरिए नदी के बीचो-बीच प्रतिबंधित हैवीवेट पोकलेन मशीनें पहुंच गई हैं। जो 3 मीटर गहराई तक नदी का सीना चीर कर बालू निकाल नहीं है। प्रतिबंधित मशीनों के जरिए बालू खनन किए जाने से जहां एक और जलीय जीव जंतु नष्ट हो रहे हैं। वही नदी का अस्तित्व भी मिटने की कगार में है। नदी के बीचो-बीच बनाए गए रास्ते से बालू भरे ट्रकों को निकाला जा रहा है ।
इस तरह के वीडियो वायरल होने के बाद भी प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा हैं। बताते चलें कि वायरल की गई तस्वीरें पुरानी नहीं है। इस तस्वीर में जिओ ट्रैगिग लोकेशन के साथ समय भी दिया हुआ है। जिससे स्पष्ट है कि बालू माफिया बेखौफ होकर अवैध खनन में लिप्त हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि केवल अछरौड़ के बालू खदान में यह सब नहीं हो रहा बल्कि जिले के अन्य बालू खदान में भी इसी तरह की घटनाएं हो रही हैं। खनिज विभाग मात्र औपचारिकता निभा रहा है जिससे बालू खनन का अवैध धंधा फल-फूल रहा है और दिनोंदिन के नदी का अस्तित्व मिटता जा रहा है।
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