छात्रवृत्ति आवेदन में बायोमेट्रिक सत्यापन अब अनिवार्य नहीं

बांदा जिला समाज कल्याण अधिकारी अभिषेक कुमार अवस्थी ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। निदेशालय समाज कल्याण...

छात्रवृत्ति आवेदन में बायोमेट्रिक सत्यापन अब अनिवार्य नहीं
सांकेतिक फ़ोटो - सोशल मीडिया

बांदा जिला समाज कल्याण अधिकारी अभिषेक कुमार अवस्थी ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। निदेशालय समाज कल्याण, उत्तर प्रदेश, लखनऊ के निर्देशानुसार, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और सामान्य वर्ग के पूर्वदशम और दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत आवेदन करने वाले छात्रों के लिए बायोमेट्रिक सत्यापन अब अनिवार्य नहीं रहेगा।

अवस्थी ने बताया कि शिक्षण संस्थान अब छात्रों के आवेदन पत्रों को बिना बायोमेट्रिक सत्यापन के ही ऑनलाइन आगे बढ़ा सकेंगे। यह निर्णय उन छात्रों के लिए राहतदायक होगा जिनके पास बायोमेट्रिक सत्यापन कराने में कठिनाई हो रही थी।

महत्वपूर्ण तिथि:

सभी शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिया गया है कि वे 25 जनवरी, 2025 तक लम्बित पड़े आवेदन पत्रों को ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से आगे बढ़ा दें। यदि कोई संस्थान इस समय सीमा के भीतर आवेदन नहीं भेजता है और कोई छात्र छात्रवृत्ति से वंचित रह जाता है तो संस्थान स्वयं इसके लिए जिम्मेदार होगा।

अन्य जानकारी:

  • लाभ : यह निर्णय छात्रों को छात्रवृत्ति प्राप्त करने की प्रक्रिया को आसान बनाएगा।
  • जिम्मेदारी : शिक्षण संस्थानों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी पात्र छात्रों के आवेदन समय पर प्रस्तुत किए जाएं।

यह निर्णय छात्रों के हित में एक सकारात्मक कदम है। इससे छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने में आर्थिक मदद मिलेगी।

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