अपहरण कर हत्या के मामले में एक अभियुक्त को सुनाई 10 साल की सजा

शहर कोतवाली के कुछेछा गांव में पिछले करीब 27 साल पूर्व अनुसूचित जाति के व्यक्ति का अपहरण कर ले जाने के बाद हत्या करने के मामले में....

अपहरण कर हत्या के मामले में एक अभियुक्त को सुनाई 10 साल की सजा

हमीरपुर,

27 साल पूर्व विवाद के चलते अनुसूचित जाति के व्यक्ति की दो भाइयों ने की थी हत्या

शहर कोतवाली के कुछेछा गांव में पिछले करीब 27 साल पूर्व अनुसूचित जाति के व्यक्ति का अपहरण कर ले जाने के बाद हत्या करने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश वीके बासवानी ने बुधवार को अभियुक्त को 10 साल की सजा व सात हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

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कुछेछा गांव निवासी अनुसूचित जाति लालता प्रसाद ने कोतवाली में पिछले 16 जून 1996 को तहरीर दी थी। जिसमें कहा कि उनके भाई महावीर के लड़के रामबाबू से अखिलेश सिंह की गाली गलौज हुई थी। इस पर अखिलेख व उसका भाई धर्मेश उर्फ फुल्लन रात करीब दो बजे स्कूटर से उनके दरवाजे पर आ धमके। दोनों बंदूक व तमंचा लिए थे। महावीर को आवाज लगाकर दरवाजा खुलवाया।



असलहों से धमकाकर महावीर को स्कूटर पर अपह्त कर ले गए। इसका पड़ोसी जियालाल, शीतलप्रसाद सहित ने शोर मचा विरोध किया। लेकिन आरोपी धमकाते हुए स्कूटर पर ले गए। अगले दिन सुबह कानपुर सागर हाईवे में जवाहर नाला के निकट महावीर का शव मिला।

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पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की। मुकदमा के दौरान पिछले 29 मार्च 2010 को अखिलेश सिंह की मौत हो गई। इस मामले में अपर सत्र न्यायाधीश वीके बासवानी की अदालत में सुनवाई हुई। जिसमें अभियुक्त को 10 साल की सजा व सात हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

हिस

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