हमेशा सुर्खियों में रही, दुर्गा शक्ति नागपाल को मिली बांदा जिले की कमान 

समाजवादी पार्टी सरकार के शासन में वर्ष 2013 में बालू माफियाओं के खिलाफ की गई बड़ी कार्रवाई के बाद सुर्खियों...

हमेशा सुर्खियों में रही, दुर्गा शक्ति नागपाल को मिली बांदा जिले की कमान 

समाजवादी पार्टी सरकार के शासन में वर्ष 2013 में बालू माफियाओं के खिलाफ की गई बड़ी कार्रवाई के बाद सुर्खियों में आई, आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल  को निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद भी वह जहां भी तैनात रही, वहां कड़ा एक्शन लेकर सुर्खियों में बनी रहे। अब भाजपा सरकार ने उन्हें बांदा जिले की कमान सौंपी है। वह दीपा रंजन का स्थान लेंगी। उनके इस जिले में आने की खबर से भ्रष्टाचारियों और बालू माफियाओं में खलबली मच गई है।

कौन है दुर्गा शक्ति नागपाल

24 साल की उम्र में आईएएस अधिकारी बनी दुर्गा शक्ति नागपाल  ने 2013 में एक साथ कई वाहनों को हिरासत में लिया था। उसके बाद कई लोगों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों ने गाजियाबाद में रेत के अवैध खनन में शमिल थे। रेत माफियाओं के खिलाफ बड़े पैमाने पर नागपाल ने कार्रवाई की थी। दरअसल, 2019 में शक्ति पर फिल्में भी बनी है। बदला और केसरी में शक्ति की बायोपिक दिखाई गई थी।

दुर्गा शक्ति नागपाल यूपी कैडर की आईएएस अफसर हैं। यूपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद पंजाब कैडर में उनकी नियुक्ति हुई। ड्यूटी के डेढ़ साल के अंदर ही उन्होंने एक भूमि घोटाले का खुलासा किया। अखिलेश सरकार में उनको सस्पेंड कर दिया। उस समय उनके खिलाफ चार्जशीट भी दायर की गई थी। मामला तात्कालिक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तक पहुंच गया था।

अखिलेश सरकार ने किया था निलंबित

अखिलेश यादव सरकार ने 2013 में गौतमबुद्ध नगर में एसडीएम सदर के रूप में तैनात रहीं दुर्गा शक्ति नागपाल को खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई को लेकर निलंबित किया था। खास बात ये है कि दुर्गा शक्ति नागपाल के पति अभिषेक सिंह भी आईएएस अधिकारी है। दुर्गा शक्ति नागपाल पंजाब कैडर की आईएएस अधिकारी हैं। 2011 में यूपी कैडर के आईएएस अभिषेक सिंह से शादी करने के बाद वह अपना कैडर बदलवा कर उत्तर प्रदेश आ गई थीं। उत्तर प्रदेश में गौतमबुद्ध नगर, मथुरा समेत कई जिलों में वह तैनात रहीं हैं। 

दीवार गिराने का लगा था आरोप
जिस मस्जिद की दीवार गिराने को लेकर नोएडा में आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल को निलंबित किया गया था। वो दीवार दुर्गा ने नहीं गिराई थी, यह खुलासा  गौतमबुद्ध नगर के डीएम नें जांच रिपोर्ट में की थी। डीएम ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा था कि गांववालों ने दीवार गिराई थी। 

दुर्गा शक्ति नागपाल का बचपन और परिवार
आईएएस अफसर दुर्गा शक्ति नागपाल का जन्म 25 जून 1985 को छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में हुआ था। उनके पिता सुभाष नागपाल भारतीय सांख्यिकी सेवा अधिकारी थे। उनके दादा का नाम घनश्याम नागपाल है, जो कि एक पुलिस अधिकारी थे, जिनकी दिल्ली के सदर बाजार में 1954 को देश सेवा के दौरान हत्या कर दी गई थी।

आईएएस की शिक्षा
दुर्गा शक्ति नागपाल ने साल 2007 में इंदिरा गांधी दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय से कंप्यूटर इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की थी। उसके बाद दुर्गा नागपाल ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की। साल 2008 में उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा पास की। उनका चयन भारतीय राजस्व सेवा के लिए हो गया। बाद में दुर्गा शक्ति नागपाल ने 2009 में सिविल सेवा पास की और 20वीं रैंक हासिल की।

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