सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांवड़ रूट पर दुकानदारों ने हटाई नेमप्लेट, विपक्ष सरकार पर हमलावर
सुप्रीम कोर्ट के ताजे फैसले का असर अब सड़कों पर दिखने लगा है। कांवड़ यात्रा के रूट पर दुकानदारों ने नेमप्लेट हटानी शुरू कर दी...
सुप्रीम कोर्ट के ताजे फैसले का असर अब सड़कों पर दिखने लगा है। कांवड़ यात्रा के रूट पर दुकानदारों ने नेमप्लेट हटानी शुरू कर दी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में दुकानदारों के लिए नेमप्लेट लगाने के अनिवार्य आदेश पर रोक लगा दी है। इसके बाद दुकानदारों और ठेलेवालों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
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विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "जिस समय मुझे जानकारी मिली थी, तभी मैंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट स्वयं इसे संज्ञान में ले और ऐसी कार्रवाई को रोके। जैसे दिया बुझने से पहले फड़फड़ाता है, ये सांप्रदायिक राजनीति का दिया फड़फड़ा रहा है। इसलिए ऐसे फैसले ले रहे हैं। सांप्रदायिक राजनीति खत्म होने जा रही है, इसका दुख भाजपा को है।"
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सावन का महीना शुरू हो गया है और इसके साथ ही पवित्र कांवड़ यात्रा भी शुरू हो गई है। श्रद्धालुओं की लाइनें सड़कों पर गंगाजल लिए नजर आ रही हैं। शिव भक्ति में लीन इन श्रद्धालुओं को लोग 'भोले' कहते हैं। हरिद्वार में आजतक को गंगाजल ले जाते हुए दो श्रद्धालु मिले, जिनमें एक हिंदू और दूसरा मुसलमान था। इनकी भक्ति गंगा-जमुनी तहजीब और सौहार्द का जीता जागता उदाहरण है।
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सुप्रीम कोर्ट ने यूपी, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है और इस मामले की अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानदारों और ठेलेवालों को राहत मिली है। इस फैसले के बाद सांप्रदायिक सौहार्द और भाईचारे का संदेश भी जोर पकड़ रहा है।
NEWS SOURCE : आजतक