जेल की चाहरदीवारी में किलकारियां मार छह वर्ष के हुए कृष्णा

हमीरपुर जेल की चाहरदीवारी में पांच माह के मासूम बच्चे की किलकारियों से उसका बचपन अच्छे से बीता...

Sep 2, 2020 - 15:06
Sep 2, 2020 - 15:09
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जेल की चाहरदीवारी में किलकारियां मार छह वर्ष के हुए कृष्णा
  • अब आगे की जिंदगी नाना के हवाले
  • उम्रकैद की सजा में बंद है कृष्णा के माता पिता

इनदिनों जेल प्रशासन ने बच्चे की परवरिश के साथ उसकी देखभाल भी की और उसका नामकरण कर कृष्णा उर्फ किशन नाम रखा। इतना ही नहीं जब कृष्णा चार वर्ष के हो गए तब जेल प्रशासन ने उसका शहर के अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में प्रवेश करा अच्छी शिक्षा दी। जेल मैनुअल के मुताबिक छह वर्ष आयु से अधिक बच्चा जेल में नहीं रह सकता। इस पर पूरी अभिलेखीय कार्रवाई के बाद मंगलवार को कृष्णा को उसके नाना के सुपुर्द कर दिया गया। जो उसकी अब आगे शिक्षा दीक्षा व परवरिश करेंगे।

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शहर कोतवाली के हेलापुर निवासी दंपति गुडिया व उसके पति नरेंद्र पर देवरानी संगीता की हत्या का आरोप था। इस पर पुलिस ने पिछले 16 जनवरी 2016 को दोनों को गिरफ्तार का जिला कारागार में निरुद्घ कराया था। तब पांच माह का दुधमुंहा बच्चा भी इन दोनों के साथ जेल लाया गया था। इस मामले में 7 अप्रैल 2018 को विशेष न्यायाधीश (ई.सी.एक्ट) ने आरोप सिद्ध होने पर दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। बच्चा जब चार वर्ष का हुआ तब जेल प्रशासन ने उसका कृष्णा उर्फ किशन नाम रखा।

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जेलर पीके त्रिपाठी ने बताया कि पिछले दो वर्ष पूर्व कृष्णा का शहर स्थित अंग्रेजी मीडियम सरदार पटेल में इसका प्रवेश कराया था। सुबह स्कूल की बस कृष्णा को लेने और छोड़ने आती थी। जेल के गेट पर पहुंचते ही दरवाजे खुल जाते थे और कृष्णा अपनी मां व पिता की बैरक में पहुंच जाता। जेलर के मुताबिक कृष्णा होनहार और पढ़ने में तेज है। उन्होंने बताया कि जेल नियमों के मुताबिक कृष्णा छह वर्ष का हो चुका है। जिस पर उसे अब जेल में नहीं रख सकते। 

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बताया कि पूरी अभिलेखीय कार्रवाई होने के बाद मंगलवार को कृष्णा को उसके नाना कल्लू पुत्र मुन्नीलाल निवासी रामपुर जसपुरा थाना जसपुरा बांदा को सुपुर्द कर दिया गया। सहमति पत्र में हस्ताक्षर भी हुए। जिसमे कहा गया कि वह कृष्णा की ठीक ढंग से परवरिश करेगा। सहमति पत्र में इस बात का भी उल्लेख है कि कृष्णा किसी कारणवश बीमार होता है या कोई विषम परिस्थित पैदा होती है तो उसे जिला कारागार अधीक्षक को सूचना देनी होगी। जेल से विदा लेते समय कृष्णा ने अपने होनहार का परिचय देकर पूरे स्टाफ का सम्मान किया और चला गया।

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हिन्दुस्थान समाचार

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