बामदेवेश्वर पर्वत पर 1 मस्जिद बनाने के बाद 4 मस्जिदें और बनाने की साजिश

हिन्दू आस्था के प्रतीक बामदेवेश्वर पर्वत पर बनी मस्जिद को लेकर बुन्देलखण्ड न्यूज की रिपोर्ट पर अब मोहल्लेवासियों को लगने लगा है कि उनकी बात सुनने वाला कोई है, जो उनकी मदद कर सकता है...

बामदेवेश्वर पर्वत पर 1 मस्जिद बनाने के बाद 4 मस्जिदें और बनाने की साजिश

आज जब इस मुद्दे पर हमने मोहल्लेवासियों से बात की तो सबने बोला कि मस्जिद जबरन कब्जा करके बनायी गयी है। और वो सब चाहते हैं कि यह मस्जिद गिरनी चाहिये।

बामदेवेश्वर पर्वत पर बनी मस्जिद के विरोध में बोले मोहल्लेवासी

Simiya Devi

जिस जमीन पर मुस्लिमों ने मस्जिद बनायी है उस जमीन को अपना बताने वाली सिमिया देवी कहती हैं, ”पूरे मोहल्ले ने देखा था पर डर के मारे किसी ने जबान नहीं खोली। चूंकि सब दहशत में थे, मुसलमानों ने उन लोगों से कहा था कि उनके पीर यहां गड़े हैं, अगर मजार नहीं बनी तो उनका लड़का या तो मर जायेगा अथवा पागल हो जायेगा। ऐसे में मजार बनाने की इजाजत दे दी, नहीं तो लड़के को खोने का डर था।“

Betu

इसी प्रकार मस्जिद के सामने रहने वाले 80 वर्षीय बेटू कहते हैं, ”उनके डर के आगे हम सब बोल नहीं पा रहे थे। वो लोग काफी संख्या में आते थे, इसीलिए हम सब ये बनते देखते रहे। हमारे ही घर में सामान रखते थे।“

बेटू अपनी आजीविका चलाने के लिए चौकीदारी करते हैं। बेटू फिलहाल उम्र के जिस पड़ाव में हैं, उसमें उनका विरोध न करना जायज ही समझ आता है। एक इतना बुजुर्ग व्यक्ति आखिर कई हट्टे-कट्टे लोगों का विरोध कर सकता है?

Betu Ki Patni

बेटू की पत्नी जो स्वयं लगभग 75 वर्ष की हैं, वो भी कहती हैं, ”जब मुसलमान यहां आये तो उन लोगों से कहा कि यहां उनके पुरखे गड़े हैं, और इस बात का सपना उन्हें आया है। जब हमने कहा कि कहां गड़े हैं? तो उन्होंने एक बड़े भारी पत्थर के नीचे होने की बात की। इस पर जब हमने कहा कि इसे हटाकर दिखाओ, तो उन्होंने कहा कि पत्थर भारी है, हमसे नहीं उठेगा। हमसे बताया गया था कि ये मजार बनायी जा रही है, जबकि हम लोग लगातार कह रहे थे कि ये मस्जिद है, पर हमें धोखे में रखकर और अंधविश्वास की आड़ में वो लगातार काम कराते रहे और अब इतनी बड़ी मस्जिद तैयार कर दी गयी है।“

अब देखिये अंधविश्वास की आड़ में किस प्रकार भोले-भाले लोगों को डरा-धमकाकर अपना उल्लू सीधा करने में विश्वास रखने वाले क्या-क्या कर डालते हैं। सदियों से एक हिन्दू आस्था के प्रतीक इस ऐतिहासिक व धार्मिक बामदेवेश्वर पर्वत पर वैमनस्यता की इबारत लिखने की तैयारी कर डाली गयी है। अब यदि इस पर लोग मुखर हो रहे हैं तो कहीं न कहीं ये बात भी आयेगी कि इससे बाँदा की गंगा-जमुनी संस्कृति तबाह हो जायेगी।

बुन्देलखण्ड न्यूज इस बात को पूंछता है कि जब यह मस्जिद तैयार की जा रही थी, तब इस गंगा-जमुनी संस्कृति का हवाला देने वाले कहां थे? क्या कर रहे थे वो उस वक्त, जब इन बस्तियों में रहने वाले भोले-भाले दलितों को अंधविश्वास की आड़ में धमकाकर धोखा दिया जा रहा था? तब सामने क्यों नहीं आये?

चार मस्जिदें और बनाने की साजिश हो रही है पहाड़ पर

Rajju

धोखा देकर मस्जिद बनाने का आरोप लगाने वाले इस बस्ती के बाशिंदे बताते हैं कि एक मस्जिद बनाने के बाद भी मुसलमानों की भूख शांत नहीं हुई है। वो और भी मस्जिदें बनाने का प्लान तैयार कर रहे हैं। यहीं के रहने वाले रज्जू ने हमें वो चारों स्थान दिखाये और रज्जू कहते हैं, ”यहां पर आकर वो लोग अगरबत्ती लगा जाते हैं, कहते हैं कि यहां उनके पीर बाबा गड़े हैं। अब बताईये इतने भारी पत्थर के नीचे उनके पीर बाबा कैसे गड़े हो सकते हैं?“

Ramu Babu

सिमिया देवी के पुत्र रामबाबू उर्फ भईया बताते हैं, ”जिस पत्थर को क्रेन से भी उठाना मुश्किल है, उस पत्थर के नीचे उनके पीर कैसे गाड़े गये। सदियों से ये पत्थर अपने स्थान पर ही रखे हैं, ये तो सरासर कब्जा करने की ही नीयत है। जिसे अब हम लोग कामयाब नहीं होने देंगे।“

ये पूंछे जाने पर कि पहले उन्होंने मस्जिद बनते समय क्यों विरोध नहीं किया, तो रामबाबू उर्फ भईया बताते हैं, ”हमें ये नहीं पता था कि वो ताजमहल बनाने जा रहे हैं, नहीं तो शुरू से ही विरोध करते, हमें तो यही बताया था कि एक छोटी सी मजार बनायेंगे। हमें भी लगा कि किसी की आस्था पूरी होती है तो क्यों रोकें, परन्तु ये पता होता तो बिल्कुल भी बनने न देते। और अब तो चार और भी जगहों पर उन्होंने दावा ठोंकना शुरू कर दिया है। अब हम किसी भी हालत में अपने साथ धोखा देने वालों को माफ नहीं करेंगे। अब ये मस्जिद टूटनी चाहिये, नहीं तो ये लोग सब बर्बाद कर डालेंगे।“

हिन्दू जागरण मंच अब आन्दोलन के मूड में
हिन्दू आस्था के प्रतीक बामदेवेश्वर पर्वत पर बनी मस्जिद को लेकर हिन्दू जागरण मंच भी बेहद गुस्से में है। गुस्सा यूं कि पहली बात, यह पर्वत पूरा ही हिन्दू आस्था का केन्द्र है, दूसरा कि एक हिन्दू अनुसूचित जाति की महिला की जमीन को कब्जा कर यह मस्जिद बनाया जाना सरासर गलत है। यह कानून की दृष्टि से भी गलत है और साम्प्रदायिक सौहार्द की दृष्टि से भी। इसी को लेकर हिन्दू जागरण मंच की प्रदेश मंत्री  अर्चना मिश्रा अब आन्दोलन के मूड में हैं। वो कहती हैं, ”बामदेवेश्वर मन्दिर के पहाड़ में बनी अवैध मस्जिद की आड़ में गंगा-जमुनी तहजीब पर ज्ञान देने वाले कुछ राजनीतिक दलों ने कट्टरपंथी इस्लामिक ताकतों का हौसला बढ़ा दिया है और इसी का यह परिणाम है। सनातन धर्म से जुड़े सभी शिवभक्त एवं हिन्दू संगठनों से अपील है कि बामदेवेश्वर पर्वत को मुक्त कराने में अपना योगदान देकर मन्दिर को बचायें।“

Loha Nishad

यहीं के निवासी लोहा निषाद बताते हैं, "इस मस्ज़िद में आने वाले एक मौलवी ने उनसे एक दिन झड़प भी की थी। उसकी मोटरसाइकिल में मेरी मोटरसाइकिल थोड़ी सी छू क्या गई, वो लड़ने पर आमादा हो गया था। अब फिर से और मस्जिदों को बनाने की वो लोग साजिश कर रहे हैं।"

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