आईपीएस और महोबा के पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार का आत्मसमर्पण
यूपी में फरार चल रहे एक लाख के इनामी आईपीएस और महोबा के पूर्व एसपी महोबा मणिलाल पाटीदार ने..
यूपी में फरार चल रहे एक लाख के इनामी आईपीएस और महोबा के पूर्व एसपी महोबा मणिलाल पाटीदार ने शनिवार को लखनऊ के अपर जिला सत्र न्यायाधीश/भष्टाचार निवारण अधिनियम न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। निलंबित चल रहे पूर्व एसपी पाटीदार के अधिवक्ता ऐश्वर्य प्रताप सिंह और रणधीर सिंह ने न्यायालय में तर्क दिया कि पाटीदार को झूठे मामले में फंसाया गया है। मणिलाल पाटीदार की फरारी को लेकर योगी सरकार पर सवाल खड़े हो रहे थे। साथ ही, यूपी पुलिस को भी सवालों के घेरे में लिया जा रहा था। शनिवार को पूर्व एसपी के सरेंडर के साथ ही 2 साल पुराने मामले पर एक बार फिर बहस तेज हो गई है।
यह भी पढ़ें - महोबा भिंड उरई रेलवे लाइन पर बन सकते हैं यह 3 जंक्शन सहित 16 रेलवे स्टेशन
महोबा के एसपी रहे मणिलाल क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के मामले में सितंबर 2020 से फरार चल रहे थे। इंद्रकांत ने 7 सितंबर, 2020 को पाटीदार पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाकर इसका वीडियो सीएम योगी आदित्यनाथ और तत्कालीन डीजीपी को भेजा था। इसके अगले दिन इंद्रकांत अपनी कार में जख्मी मिले थे। उनके गले में गोली लगी थी। 13 सितंबर को इंद्रकांत की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। यूपी सरकार के निर्देश पर पाटीदार समेत पांच लोगों के खिलाफ पहले हत्या की एफआईआर दर्ज हुई।
एसआईटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर इसे आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप) में तब्दील कर दिया गया था। शासन ने पाटीदार को निलंबित कर दिया था और तब से वह फरार चल रहे थे। बड़ी बात यह है कि पुलिस का कोई भी अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं था। शनिवार को अचानक उनके आत्मसमर्पण करने से एक बार फिर इंद्रकांत की हत्या का मामला गरमा गया है।
यह भी पढ़ें - देवांगना पहाड़ी चित्रकूट एयरपोर्ट से यह 19 सीटर विमान अब भरेंगे उडान, गुरुग्राम की कंपनी को मिला लाइसेंस
यह भी पढ़ें - यूपी में नई दुग्ध प्रोत्साहन नीति-2022 को मंजूरी, दुग्ध प्रसंस्करण इकाई लगाने पर मिलेगी छूट