सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय, चित्रकूट में नेत्र सहायक रिफ्रेशर प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ
परम पूज्य संत रणछोड़ दास जी महाराज द्वारा स्थापित और विश्व प्रसिद्ध श्री सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय...

चित्रकूट। परम पूज्य संत रणछोड़ दास जी महाराज द्वारा स्थापित और विश्व प्रसिद्ध श्री सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय, चित्रकूट में नेत्र सहायक रिफ्रेशर प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ उत्साहपूर्वक किया गया। यह पहल क्योर ब्लाइंडनेस प्रोजेक्ट द्वारा प्रारंभ की गई है और सनश्योर एनर्जी द्वारा समर्थित है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण उत्तर प्रदेश में प्राथमिक नेत्र देखभाल सेवाओं की गुणवत्ता को और सशक्त बनाना है।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम श्री सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय के मार्गदर्शन में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें कुल 60 नेत्र सहायक (Ophthalmic Assistants) और विज़न टेक्नीशियन भाग ले रहे हैं। प्रशिक्षण में सैद्धांतिक ज्ञान के साथ व्यावहारिक अनुभव पर विशेष बल दिया गया है, ताकि प्रतिभागी ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर नेत्र सेवाएँ प्रदान कर सकें।
उद्घाटन अवसर पर सुश्री अंशु ठाकुर, पद्मश्री डॉ. बी.के. जैन, डॉ. एलेश जैन, शुभम कश्यप, डॉ. राजेश जोशी और सुबीश कुइय्याडीयिल सहित वरिष्ठ संकाय सदस्य एवं दृष्टि केंद्र टीम उपस्थित रही।
इस अवसर पर पद्मश्री डॉ. बी.के. जैन ने कहा, “लगातार सीखना आत्मविश्वास और संवेदनशीलता दोनों को बढ़ाता है। यह प्रशिक्षण हमारी दृष्टि केंद्र टीम को हर मरीज को बेहतर कौशल और दयालुता के साथ सेवा देने में सक्षम बनाएगा।”
वहीं, मनीष मेहता, सह-संस्थापक एवं मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी, सनश्योर एनर्जी ने कहा,
“सनश्योर एनर्जी का मिशन केवल उद्योगों को स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करना नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी योगदान देना है। हमारी ‘स्वास्थ्य पहल’ के तहत यह कार्यक्रम ग्रामीण समुदायों तक गुणवत्तापूर्ण नेत्र देखभाल सेवाएँ पहुँचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
यह संयुक्त पहल — क्योर ब्लाइंडनेस प्रोजेक्ट, सनश्योर एनर्जी और श्री सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय — तीनों संस्थाओं के सहयोग का उत्कृष्ट उदाहरण है। इनकी साझा प्रतिबद्धता “सबके लिए दृष्टि” के सद्गुरु मिशन को और सशक्त बना रही है।
चित्रकूट के ग्रामीण क्षेत्रों में नेत्र देखभाल को नई दिशा देने वाला यह प्रशिक्षण कार्यक्रम स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक प्रेरणादायक कदम साबित हो रहा है।
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