समर्थ उत्तर प्रदेश, विकसित उत्तर प्रदेश-2027 की गोष्ठी में अफसर व प्रबुद्धजनो ने रखे विचार
जिले के नोडल अधिकारी मंडलायुक्त अजीत कुमार की अध्यक्षता एवं सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा जगतराज त्रिपाठी...

सोंच बदलना होगा, तभी बनेगा विकसित भारत : आयुक्त
चित्रकूट। जिले के नोडल अधिकारी मंडलायुक्त अजीत कुमार की अध्यक्षता एवं सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा जगतराज त्रिपाठी, ग्रामोदय विश्वविद्यालय के प्रो रामचंद्र सिंह, कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बांदा के प्रो धर्मेंद्र कुमार, डीएम शिवशरणप्पा जीएन, सीडीओ अमृतपाल कौर की उपस्थिति में समर्थ उत्तर प्रदेश विकसित उत्तर प्रदेश-2027’ की गोष्ठी का आयोजन नीति आयोग सभागार विकास भवन में किया गया।
आयुक्त अजीत कुमार ने कहा कि विकसित भारत कैसे बनाया जाए, पिछले आठ वर्षों में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बहुत विकास कार्य किए गए हैं। बुंदेलखंड में भी विकास कार्य काफी हुए हैं। जिसमें बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे एक उपलब्धि है। आंतरिक सड़कों का निर्माण कराया गया। जिससे उद्योगों को स्थापित करने के लिए आधारभूत सुविधाएं मिली। इसी प्रकार जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर जल नल योजना के माध्यम से पानी पहुंचाया गया। बुंदेलखंड में पानी की काफी समस्या रही है। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना में लोगों को रोजगार मुहैया कराया गया। अटल आवासीय योजना व मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालय के निर्माण कराकर बुंदेलखंड के छात्र-छात्राओं को उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा रही है। जगदगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय को सरकारीकरण किया गया। कृषि विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं में परिवर्तन हुआ है। सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाकर महिलाओं को स्वालंबन बनाया जा रहा है। कहा कि सोच को बदलना होगा। नकारात्मक सोच नहीं रखना चाहिए। सरकार बहुत महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। इसमें सहयोग करने की जरूरत है। छात्र-छात्राएं, शिक्षक समाज में जागरूक करके उनके मन को बदलें। खुद को जाने और जगाएं। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में आठ सौ दिव्यांग लोग अच्छी रैंकों में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा की नई सोच के साथ शिक्षा ग्रहण करें। जो संसाधन है उसी के साथ शिक्षा ग्रहण करें। स्थानीय संसाधनों का भी प्रयोग करें। तभी विकसित भारत बना सकते हैं। सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा जगत राज त्रिपाठी ने कहा कि प्रधानमंत्री का विजन है कि वर्ष 2047 तक भारत विकसित हो जाए। भारत विकासशील देश रहा है। उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा राज्य है। जब तक उत्तर प्रदेश विकसित नहीं होगा तो भारत विकसित नहीं होगा। भारत सरकार द्वारा योजनाओं का लाभ अवश्य अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को मिलना चाहिए। 70 वर्ष तक क्या किया गया और 30 वर्ष में क्या करना है। पहले जीडीपी क्या था आज वह बढ़ा है। पहले विकास के नाम पर पीछे थे लेकिन आज काफी विकास कार्य हुए हैं। मुख्यमंत्री की अपेक्षा है इसमें सबकी सहभागिता जरूरी है। विजन डॉक्यूमेंट में जो बनाया जा रहा है उसमें हर सेक्टर पर विचार करके शामिल किया जाएगा। जो सुझाव विभिन्न प्रबुद्धजनों द्वारा गोष्ठी में दिए गए हैं उनको लिखित रूप में दे। शिक्षा की गुणवत्ता बेसिक है। क्वालिटी भी होना चाहिए। शिक्षा को तकनीकी से जुड़ा होना चाहिए। रोजगार की भी परिभाषा बदल गई है। सरकारी नौकरी नहीं स्वयं का रोजगार शुरू कर सकते हैं। स्मार्ट क्लास सरकारी विद्यालयों पर शुरू हुआ है। अब बदलाव शिक्षा में अवश्य आएगा। ग्रामोदय विश्वविद्यालय के प्रो रामचंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री जो चाहते हैं उसी के आधार पर चलेंगे तो वर्ष 2047 तक विकसित भारत अवश्य बनेगा। उन्होंने कहा कि मन के हारे हार मन के जीते जीत है। इसके पूर्व प्रधानाचार्य आईटीआई शिवरामपुर जितेंद्र कुमार शुक्ला, प्रधानाचार्य पॉलिटेक्निक बरगढ़, गोस्वामी तुलसीदास महाविद्यालय बेड़ी पुलिया के प्रो नीरज गुप्ता, रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय के छात्र अजय कुमार कुशवाहा, देवदत्त निषाद, आईटीआई के छात्र अतिन मिश्रा, कौशल विकास मिशन के अरुणेंद्र शुक्ला, तुलसीदास महाविद्यालय की छात्रा विजयलक्ष्मी, पॉलिटेक्निक बरगढ़ के रंजन कुमार आदि ने भी अपने विचार रखें। मुख्य विकास अधिकारी अमृतपाल कौर ने कहा कि यह प्रथम सत्र शिक्षा के क्षेत्र में गोष्ठी आयोजित की जा रही है। इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों में चार सत्रों का आयोजन किया जाएगा। गोष्ठी का संचालन जिला समाज कल्याण अधिकारी डॉ वैभव त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर सीएमओ डॉ भूपेश द्विवेदी, जिला विकास अधिकारी सत्यराम यादव, डीसी एनआरएलएम ओमप्रकाश मिश्र, डीसी मनरेगा डीएन पांडेय, उप निदेशक कृषि राजकुमार, जिला विद्यालय निरीक्षक रविशंकर, जिला पंचायत राज अधिकारी रमेश चन्द्र गुप्ता सहित संबंधित अधिकारी, आईटीआई, पॉलिटेक्निक, महाविद्यालय, कौशल विकास मिशन, जगतगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
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