महिला सुरक्षा के दावों की खुली पोल, बुन्देलखण्ड में बढ़े नाबालिग लड़कियों के साथ लैंगिक अपराध
महिला सुरक्षा के सरकार द्वारा किए जा रहे दावों की पोल खुल गई है। इसका खुलासा नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की ताजा रिपोर्ट में हुआ है..
महिला सुरक्षा के सरकार द्वारा किए जा रहे दावों की पोल खुल गई है। इसका खुलासा नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की ताजा रिपोर्ट में हुआ है। इस रिपोर्ट के मुताबिक बुंदेलखंड के सभी 7 जनपदों में 559 मामले दर्ज हुए जो पिछले साल के मुकाबले ज्यादा हैं। इनमें चित्रकूट मंडल में सर्वाधिक 308 मामले दर्ज हुए है।
18 वर्ष से कम आयु के लड़के - लड़कियों को लैंगिक अपराधों से बचाने के लिए पॉक्सो एक्ट के तहत कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा महिला सुरक्षा और उन्हें त्वरित न्याय मिले, इसके लिए सभी थानों में महिला हेल्प डेस्क बनाई गईं हैं। साथ ही अन्य उपाय करने के दावे भी किए जा रहे हैं। लेकिन, महिलाओं की स्थिति में ज्यादा बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है।
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18 वर्ष से कम आयु की लड़कियां भी तेजी से लैंगिक अपराध का शिकार हो रहीं हैं। इसका अंदाजा एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट से लगाया जा सकता है। बुंदेलखंड के सातों जनपदों में 2019 में 18 वर्ष से कम आयु की लड़कियों के साथ लैंगिक अपराध के 369 मामले पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज किए गए थे। जबकि, 2020 में 459 मामले दर्ज हुए। इसमें 308 मामले अकेले चित्रकूट मंडल में दर्ज हुए। जबकि, झांसी मंडल में 151 केस दर्ज किए गए हैं।
बुंदेलखंड के जिलों में ये हैं हालात
जनपद 2020 - 2019
- बांदा 116 - 63
- चित्रकूट 55 - 17
- हमीरपुर 86 - 92
- महोबा 51 - 55
- झांसी 72 - 60
- ललितपुर 29 - 29
- जालौन 50 - 53
- योग - 459 369
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