क्या गुल खिलाएगा पंचायत चुनाव में अलग बुंदेलखंड राज्य का मुद्दा
प्रस्तावित पंचायत चुनाव में बुन्देलखण्ड राज्य बनाने का मुद्दा भी तेज होता जा रहा है। इस चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशी अलग राज्य बनाने..
- कांग्रेस के साथ-साथ कई संगठन मुद्दा बनाने में जुटे
प्रस्तावित पंचायत चुनाव में बुन्देलखण्ड राज्य बनाने का मुद्दा भी तेज होता जा रहा है। इस चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशी अलग राज्य बनाने के अलख जगाने में जुटे हैं।
वहीं कभी इंसाफ सेना बनाकर अलग राज्य का मुद्दा उठाने वाले पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष कुंवर बादशाह सिंह भी क्षेत्र का भ्रमण कर पंचायत चुनाव में किस्मत आजमाने वाले संभावित उम्मीदवारों से संपर्क कर अलग राज्य को मुद्दा बनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
पंचायत चुनाव में अलग राज्य की मांग करने वाले संगठन के लोग जनता के बीच में इसे मुद्दा बनाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। बुंदेलखंड क्रांति दल कई दशकों से अलग राज्य की मांग कर रहा है।
इसके जिलाध्यक्ष सत्येंद्र अग्रवाल झलोखर जिला पंचायत सीट से डीडीसी पद के संभावित दावेदार हैं। इसी तरह अलग राज्य की मांग को लेकर अर्से से आंदोलनरत विनय तिवारी कुनहेटा सीट से डीडीसी के संभावित दावेदार हैं।
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बुंदेलखंड क्रांति दल से संपर्क रखने वाले संतोष कुमार राजेंद्रा पौथिया जिला पंचायत सीट से प्रत्याशी हैं। यह भी प्रचार के दौरान अलग राज्य के मुद्दे को जोर-शोर से उठा रहे हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष पूर्व मंत्री कुंवर बादशाह सिंह पंचायत चुनाव के पूर्व क्षेत्र में भ्रमण कर संभावित उम्मीदवारों को अलग राज्य का मुद्दा उठाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
उन्होंने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत में चार दशक पूर्व इंसाफ सेना बनाकर अलग राज्य का मुद्दा उठाया था। वह भाजपा व बसपा से विधायक रह चुके हैं। उनकी मंशा है कि ग्राम प्रधान बीडीसी एवं डीडीसी चुनाव लड़ने वाले लोग भले ही किसी दल से मैदान में उतरें।
लेकिन अलग राज्य के मुद्दे को जरूर उठाएं। अगर ऐसा हुआ तो अलग राज्य की बात करने वाले लोग गांव-गांव तैयार हो जाएंगे। इससे जन आंदोलन में सहयोग मिलेगा और केंद्र व प्रदेश में सत्तारूढ़ दलों को अलग राज्य बनाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
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इसी मंशा को सजोंए पूर्व मंत्री जनपद के साथ बांदा, महोबा, चित्रकूट, जालौन, झांसी, ललितपुर आदि जनपदों का दौरा कर उम्मीदवारों को जागरूक करने में जुटे हैं। उन्होंने बताया कि वह आम जनता से भी अलग राज्य की बात करने वालों को समर्थन देने की अपील कर रहे हैं।
पूर्व मंत्री ने इसी मुद्दे को लेकर कस्बा सहित ब्लॉक की तमाम ग्राम पंचायतों का भ्रमण किया। राजनीतिक दलों में शामिल यही एकमात्र नेता हैं जो पार्टी गाइड लाइन से अलग होकर अलग राज्य के मुद्दे को प्रमुखता के साथ उठा रहे हैं। आम आदमी पार्टी जरूर अलग राज्य के मुद्दे को समर्थन दी रही है।
लेकिन अभी तक इस दल ने प्रचार में इसे अपना मुद्दा नहीं बनाया है। पंचायत चुनाव में अलग राज्य की मांग का मुद्दा कितना रंग लायेगा। यह तो भविष्य के गर्भ में छिपा है। लेकिन जिस तरह से इस मुद्दे को पंचायत चुनाव में गर्म किया जा रहा है। उसका कुछ न कुछ असर मतदाताओं के मध्य जरूर पड़ेगा।
अगर ऐसा संभव हो गया तो अलग राज्य की मांग करने वालों की उपस्थित पहली बार पंचायतों की राजनीति में दर्ज हो सकती है। उधर कस्बे में मुस्लिम पीरू वेलफेयर कमेटी ने सम्मान समारोह का आयोजन कर
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