बांदा के 25 बाल एवं बंधुआ मजदूरों को हरियाणा से असंगठित मजदूर मोर्चा ने कराया मुक्त

यूपी में जनपद बांदा के बिसंडा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बाघा के 25 बाल एवं बंधुआ मजदूरों को हरियाणा के फतेहाबाद...

Dec 16, 2022 - 07:07
Dec 16, 2022 - 07:22
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बांदा के 25 बाल एवं बंधुआ मजदूरों को हरियाणा से असंगठित मजदूर मोर्चा ने कराया मुक्त

यूपी में जनपद बांदा के बिसंडा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बाघा के 25 बाल एवं बंधुआ मजदूरों को हरियाणा के फतेहाबाद जिले के एक ईट भट्टा से असंगठित मजदूर मोर्चा एवं एक्शन एड के संयुक्त प्रयास से मुक्त कराया गया। इनमे 6 साल से लेकर 14 साल के एक दर्जन बच्चे भी शामिल हैं।

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bonded laborers

इस बारे में जानकारी देते हुए असंगठित मजदूर मोर्चा बांदा के जिला अध्यक्ष ज्ञानेश्वर प्रसाद ने बताया कि नथुआ पुत्र रामाश्रय निवासी ग्राम बाघा थाना बिसंडा ने मोर्चा को जानकारी दी थी कि सभी लोगों को ठेकेदार जगतपाल निवासी ग्राम रेहुंटा जिला चित्रकूट एडवांस रकम देकर अक्टूबर 2022 में काम कराने के लिए ले गया था तथा वादा किया था कि वहां सभी बुनियादी सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी। लेकिन यहां पहुंच कर देखा गया कि किसी तरह की भी कोई सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। जिससे सभी मजदूरों ने काम करने से मना कर दिया। इस पर ठेकेदार ने कहा कि जब तक कोई दूसरे मजदूर नहीं आते हैं तब तक तुम सबको यहां काम करना पड़ेगा। उसने यह भी बताया कि यहां पर बच्चों से भी जबरन काम कराया जा रहा है। इस आशय की सूचना मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दल सोमवार को दी गई जिनके प्रयास से मजदूरों को मुक्त कराया गया है।

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मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दल सिंगार ने कहा कि मजदूरों को मुक्त तो करा लिया गया है लेकिन बाल एवं बंधुआ मजदूरी कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत नियमानुसार कार्यवाही नहीं हो रही है जो खेद का विषय है। जबकि संगठन द्वारा पूर्व में अवगत कराया जा चूका है कि मजदूरों का पलायन होने से पहले श्रम कानूनों के तहत उचित प्रबंध होने चाहिए। लेकिन कई वर्षों में बुंदेलखंड के हजारों मजदूरों को अभी तक मुक्त कराया जा चुका है। लेकिन प्रशासन द्वारा न तो कोई कार्यवाही की जाती है और न ही असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को कोई सुविधाएं प्राप्त होती है। मोर्चा के उपाध्यक्ष प्रमोद आजाद ने कहा कि यदि मजदूरों को कोई सुविधाएं नहीं प्राप्त कराई गई और उनके साथ सौतेला व्यवहार कराया गया तो सड़क में उतरकर संघर्ष किया जायेगा और उन्हें न्याय दिलाया जायेगा। 

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मुक्त कराये गए मजदूरों में नथुआ पुत्र राम आसरे, कुसमा पत्नी नथुआ,चुनकी पुत्री नथुआ, राजकुमार पुत्र शिवमंगल, परागिया पत्नी राजकुमार,लक्ष्मी पुत्री राजकुमार,अजय कुमार पुत्र राजकुमार,पिंकी पुत्री राजकुमार, राममुनि पुत्री राजकुमार,खुशबू पुत्री राजकुमार, अंतिम पुत्र राजकुमार,सूरजभान पुत्र चंद्रभान,सुमन पत्नी सुरजभान, शांति पुत्री सुरजभान,आरती पुत्री सुरजभान, नेहा पुत्री सुरजभान, पुषपाल पुत्र सुरजभान,हरिशंकर पुत्र सुरजभान, रामप्रसाद पुत्र देवीदीन, कुसुमकली पत्नी रामप्रसाद, नेहा पुत्री रामप्रसाद, संध्या पुत्री रामप्रसाद, सुमित पुत्र रामप्रसाद,वंदना पुत्री रामप्रसाद, ललित पुत्र रामप्रसाद शामिल है।

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