बच गया लंगड़ा भेड़िया अब सबसे खतरनाक, मिली लोकेशन, पकड़े जाने की तैयारी!
बहराइच के महसी तहसील के 50 से ज्यादा गांवों में भेड़ियों का आतंक छाया हुआ था...
बहराइच के महसी तहसील के 50 से ज्यादा गांवों में भेड़ियों का आतंक छाया हुआ था। मंगलवार को वन विभाग ने एक मादा भेड़िया को पकड़कर राहत की सांस ली। लेकिन अब भी एक लंगड़ा भेड़िया पकड़ से बाहर है, जिसे सबसे खतरनाक बताया जा रहा है।
वन विभाग के डीएफओ अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि ड्रोन कैमरों में चार भेड़िये दिखे थे, जिनमें से तीन को पहले ही पकड़ा जा चुका है। अब सिर्फ एक भेड़िया बचा है, जिसकी लोकेशन मिल गई है। जल्द ही उसे भी पकड़ने की तैयारी है।
ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है, क्योंकि मादा भेड़िया के पकड़े जाने के बाद लंगड़ा भेड़िया और आक्रामक हो सकता है। वहीं, वन विभाग के जानकारों का मानना है कि भेड़िये अपने कुनबे की सुरक्षा के लिए हिंसक हो जाते हैं।
मार्च महीने से शुरू हुए भेड़ियों के हमलों में अब तक कई लोग घायल हुए हैं और सात लोगों की जान जा चुकी है। वन विभाग लगातार अभियान चला रहा है और 18 अगस्त को एक नर भेड़िया, 29 अगस्त को दूसरा नर और अब मादा भेड़िया को पकड़ने में कामयाब हुआ है।
चार साल की मादा भेड़िया पकड़ी गई
डीएफओ ने बताया कि पकड़ी गई मादा भेड़िया चार साल की है और पूरी तरह से स्वस्थ है। डॉक्टरों के पैनल ने उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया है।
चिड़ियाघर भेजे जा रहे भेड़िये
पकड़े गए भेड़ियों में से कुछ को लखनऊ और गोरखपुर के चिड़ियाघरों में भेजा गया है। अब इस मादा भेड़िये को भी गोरखपुर चिड़ियाघर भेजा जाएगा।
वन विभाग ने किया भेड़ियों के हमलों से इनकार
हरदी थाना क्षेत्र के तीन गांवों में मंगलवार की शाम हुए हमलों के बाद हड़कंप मच गया। तीन लोग घायल हुए हैं, लेकिन वन विभाग ने इन हमलों को भेड़ियों का हमला मानने से इनकार किया है। डीएफओ ने बताया कि घायलों के घाव किसी अन्य जानवर या नुकीली वस्तु के हो सकते हैं। घटनास्थल पर भेड़ियों के पगचिह्न भी नहीं मिले हैं, जिससे यह हमला प्रथम दृष्टया भेड़ियों का नहीं लगता।
अभियान जारी
वन विभाग ने भेड़िये को पकड़ने के लिए अभियान तेज कर दिया है। चार थर्मल ड्रोन कैमरे, पिंजरे और ट्रैप कैमरों के साथ टीम सक्रिय है। जल्द ही बचे हुए लंगड़े भेड़िये को पकड़ लिया जाएगा।
सौजन्य : अमर उजाला