बच्चे को बचाने के लिए बाघ से भिड गया ये साहसी किसान, हुआ लहूलुहान

फिल्मों में तो आपने कई बार नायक को शेर या बाघ से लड़ते जरूर देखा होगा। कभी हकीकत में बाघ व इंसान को लड़ते...

बच्चे को बचाने के लिए बाघ से भिड गया ये साहसी किसान, हुआ लहूलुहान

बांदा, फिल्मों में तो आपने कई बार नायक को शेर या बाघ से लड़ते जरूर देखा होगा। कभी हकीकत में बाघ व इंसान को लड़ते हुए नहीं देखा होगा। पर ऐसा हुआ है। जिले की सीमा से लगे अजय गढ़ के जंगल में एक बच्चे को शिकार बनाने की कोशिश कर रहे बाघ से यह साहसी किसान भिड़ गया। संघर्ष के दौरान बच्चे को बचा लिया और बाघ को पटखनी देकर भागने पर मजबूर कर दिया।

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यह रोमांचक लड़ाई जिले के सीमा अंतर्गत अजय गढ़ जिला पन्ना मध्य प्रदेश के थर के पुरवा गांव में बुधवार को हुई। इसी पुरवा का निवासी धर्मेंद्र यादव (36) पुत्र बाबू सिंह जंगल से लगे सिमरा हार में अपने खेतों पर पानी लगाने गया था। खेत काफी ऊंचा ऊंचा होने के कारण नीचे की तरफ उसे दिखाई नहीं पड़ रहा था। जबकि निचले हिस्से में एक बाघ मौजूद था जिसने एक बच्चे को घेर रखा था। यह बच्चा राहगीर था। बच्चे की रोने की आवाज सुनकर वह उस दिशा की ओर गया। सामने दृश्य देखकर उसके रोंगटे खड़े हो गए। क्योंकि बाघ, बच्चे के समीप बैठ कर उसे घूर रहा था। इससे पहले कि वह बच्चे को अपना शिकार बनाता। इस युवक ने किसी तरह तेज आवाज करके भगाने का प्रयास किया लेकिन वह बच्चे के पास से नहीं हटा।

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तब यह किसान अपनी जान की बाजी लगाते हुए बाघ के समीप पहुंच गया। तभी बाघ ने उस पर हमला कर दिया। पहले तो उसने अपना बचाव करना शुरू किया लेकिन बाघ को हिंसक देखकर पहले तो उसने बच्चे को भगाया और फिर बाघ से भिड़ गया। इस किसान ने बताया कि मैं किसी तरह बाघ के दोनों पैर पकड़ पाया और फिर उसे पूरी ताकत से जमीन पर पटक दिया। तब बाघ वहां से भाग गया। बाघ के हमले से उसके पैर पीट सिर पर चोटे भाई हैं। इस बीच वहां कई किसान पहुंच गए और लहूलुहान हालत में उसे इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। हालत गंभीर होने पर उसे जिला अस्पताल पन्ना भेजा गया।
अस्पताल में पहुंचे अजयगढ़ रेंज के रेंजर नीलेश प्रजापति के मुताबिक धर्मेंद्र के शरीर में जो घाव के निशान पाए गए हैं तेंदुए जैसे लगते हैं। सिमरा हार के जंगल में तेंदुआ पाया जाता है।
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