हमीरपुर का ये लड़का पेंटिंग में दे रहा है अच्छे अच्छों को मात
राठ कस्बे के सिकंदरपुरा निवासी अंशय उपमन्यु द्वारा बनाई गई लोक कला पर आधारित आदिवासी जीवन से परिचित कराती हुई पेंटिंग इस समय चर्चा का विषय बनी हुई है। अपनी कूची के माध्यम से लोक कला को दर्जनों पेंटिंग में उकेर चुके हैं अंशय..
- पेंटिंग में आदिवासियों के व्यापार को किया चित्रित
- आदिवासी लोक कला पर आधारित हैं अंशय की कलाकृति
कालेज आफ आर्ट एंड क्राफ्ट लखनऊ यूनिवर्सिटी से बीवीए के छात्र अंशय उपमन्यु बताते हैं कि कक्षा 6 में स्कूल के अध्यापक अनिल त्रिपाठी व शिक्षक ताऊ विजय द्विवेदी से पेंटिंग बनाने की प्रेरणा मिली। व्यापारी पिता उपेंद्र कुमार द्विवेदी ने इस क्षेत्र में कैरियर बनाने में सहयोग किया। कहा कि आर्ट के साथ ही डिजाइन फील्ड में भी कैरियर बनाना चाहते हैं। अभी तक वह सोशल एनीमेशन, प्रकृति, पोट्रेट, क्रिएटिव आर्ट्स आदि विषयों पर पेंटिंग बनाकर अपनी प्रतिभा दिखा चुके हैं।
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इस समय उनकी लोक कला पर आधारित पेंटिंग चर्चा में है। जिसमें उन्होंने आदिवासियों के व्यापार को चित्रित किया है। कहते हैं कि पोस्टर कलर का प्रयोग कर इस पेंटिंग को बनाने में 7 दिन का समय लगा है। काॅलेज की छुट्टियों के बीच समय का सदुपयोग करते हुए उन्होंने इस कृति का गढ़ा है। इस पेंटिंग का उद्देश्य समाज को आदिवासियों की जीवन शैली से परिचित कराना है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही यह पेंटिंग लोगों द्वारा काफी पसंद की जा रही है।
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(हिन्दुस्थान समाचार)