किसान का बेटा बना वैज्ञानिक! बाँदा कृषि विश्वविद्यालय के रीतिक रोशन को Ph.D. (Forestry) में मिला प्रवेश
बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बाँदा (उत्तर प्रदेश) के वानिकी संकाय के मेधावी छात्र रीतिक रोशन ने अपनी लगन...
वानिकी संकाय के मेधावी छात्र ने मेहनत और लगन से बढ़ाया बाँदा विश्वविद्यालय का मान, कुलपति ने दी शुभकामनाएँ
बाँदा। बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बाँदा (उत्तर प्रदेश) के वानिकी संकाय के मेधावी छात्र रीतिक रोशन ने अपनी लगन, परिश्रम एवं शिक्षकों के मार्गदर्शन से उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा आयोजित अखिल भारतीय प्रतियोगी परीक्षा (AICE–JRF/SRF–Ph.D. 2025) में सफलता प्राप्त कर शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, शालिमार कैम्पस, श्रीनगर में पीएच.डी. (Forestry) में प्रवेश पाया है।
रीतिक रोशन ने बाँदा कृषि विश्वविद्यालय से एम.एससी. (फॉरेस्ट्री – फॉरेस्ट बायोलॉजी एंड ट्री इम्प्रूवमेंट) विषय में ब्रॉन्ज मेडल अर्जित कर विश्वविद्यालय का नाम पहले भी गौरवान्वित किया था।
ग्राम फूलपुर, जनपद गाज़ीपुर के निवासी रीतिक एक साधारण किसान परिवार से हैं। उनके पिता राम सकल कुशवाहा किसान हैं और माता गृहिणी हैं। ग्रामीण पृष्ठभूमि के बावजूद रीतिक ने अपनी मेहनत, अनुशासन और शिक्षकों के सहयोग से राष्ट्रीय स्तर की इस परीक्षा में सफलता प्राप्त की।
रीतिक ने अपनी सफलता का श्रेय बाँदा कृषि विश्वविद्यालय के शिक्षकों और विशेष रूप से वानिकी संकाय के अधिष्ठाता डॉ. संजीव कुमार को दिया है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के मार्गदर्शन और विश्वविद्यालय के सहयोग से ही यह सफलता संभव हो सकी।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.वी.एस. राजू ने रीतिक रोशन सहित सभी सफल छात्रों को बधाई दी और कहा कि यह उपलब्धि विश्वविद्यालय की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और विद्यार्थियों की मेहनत का परिणाम है।
गौरतलब है कि एम.एससी. (फॉरेस्ट्री) 2023 बैच के कुल छह छात्रों का चयन इस वर्ष ICAR की AICE–JRF/SRF (Ph.D. 2025) परीक्षा के माध्यम से देश के विभिन्न प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में हुआ है। यह बाँदा कृषि विश्वविद्यालय और उसके वानिकी संकाय के लिए गर्व का विषय है।
रीतिक रोशन ने सफलता पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा —
“यह उपलब्धि मेरे माता-पिता, शिक्षकों और विश्वविद्यालय के आशीर्वाद का परिणाम है। बाँदा कृषि विश्वविद्यालय ने मुझे जो ज्ञान और प्रेरणा दी, उसी ने मुझे इस मुकाम तक पहुँचाया।”
विश्वविद्यालय परिवार ने भी इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए आशा जताई कि रीतिक रोशन जैसे छात्र भविष्य में वानिकी क्षेत्र (Forestry Sector) में अनुसंधान और नवाचार के नए आयाम स्थापित करेंगे।
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