बांदा : मृत्युदंड की सजा पाने वाला शख्स, वाकई दरिंदा था, पूरी सच्चाई जानकर तो रोंगटे खड़े हो जाएंगे

पांच वर्षीय मासूम के साथ दरिंदगी करने वाला दरिंदा नशे का आदी है, जो 15 साल पहले पंजाब में चोरी के मामले में...

बांदा : मृत्युदंड की सजा पाने वाला शख्स, वाकई दरिंदा था, पूरी सच्चाई जानकर तो रोंगटे खड़े हो जाएंगे

पांच वर्षीय मासूम के साथ दरिंदगी करने वाला दरिंदा नशे का आदी है। जो 15 साल पहले पंजाब में चोरी के मामले में और अपनी ही ससुराल सतना मध्य प्रदेश में छेड़खानी के आरोप में पकड़ा गया था। जिसे पुलिस ने नशे का आदी मानते हुए चेतावनी देकर छोड़ दिया था। इसकी हरकतों के चलते पत्नी भी छोड़ कर चली गई और भाई ने नाता तोड़ लिया। अब उसने उस घर में हरकत की, जिन्होंने उसे दो वक्त की रोटी दी थी।

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जनपद बांदा के मरका थाना अंतर्गत समगरा गांव का रहने वाला राम बहादुर, जिसे बुधवार को विशेष पास्को कोर्ट द्वारा नाबालिग के साथ दरिंदगी कर हत्या करने के मामले में मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है। उसे मिली सजा को पीड़िता के परिवार के लोग सही फैसला बता रहे हैं। यह पहले ही गांव में कई महिलाओं व युवतियों के साथ छेड़खानी की घटना को अंजाम दे चुका है।

लेकिन लोक लाज के भय से महिलाओं ने इसकी शिकायत नहीं की। जिससे इसके हौसले बढ़ते चले गए। इसकी इन हरकतों से आजिज आकर पत्नी अपने दो बच्चे रामकुमार व गुड़िया को लेकर सतना मध्य प्रदेश मायके चली गई और पिछले 10 वर्षों से वापस नहीं लौटी है। वही इसका एक भाई चुनकू गांव में ही रहता है लेकिन इसकी हरकतों से चलते उसने भी दूरियां बना ली है। इससे किसी तरह वास्ता नहीं रखता है। 

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पत्नी के मायके चले जाने और भाई द्वारा नाता तोड़ लेने से इसे दो वक्त की रोटी देने वाला कोई नहीं था। ऐसे में दरिंदगी का शिकार मासूम के परिजनों ने इसे सहारा दिया। क्योंकि यह रिश्ते में पीड़िता का दादा लगता है। परिवार के लोग सुबह-शाम खाना बनाकर देते थे लेकिन इस दरिंदे ने उनके घर की बेटी को भी हवस का शिकार बना डाला। न्यायालय द्वारा फांसी की सजा दिए जाने पर पीड़िता के परिवार ने सही फैसला बताया है।

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वही राम बहादुर के भाई चुनकू ने भाई को राक्षस बताते हुए कहा कि इसे यही सजा मिलनी चाहिए थी। इसी तरह न्यायालय द्वारा दिए गए मृत्यु दंड की सजा को महिलाओं ने सही फैसला बताया है। राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती प्रभा गुप्ता ने कहा कि बालिका से दरिंदगी के बाद मौत के घाट उतारने पर अभियुक्त को फांसी की सजा सही फैसला है। इसी तरह राजकीय महिला डिग्री कॉलेज की प्रवक्ता डॉ सबीहा रहमानी ने इस फैसले को सही करार देते हुए कहा कि मासूम के साथ ऐसा घिनौना कुकृत्य करने वाले को इसी तरह का दंड मिलना चाहिए।

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