छात्र-छात्राओं द्वारा बनाये गए विज्ञान, कला एवं संस्कृति के माडल आकर्षण के केन्द्र रहे

विद्यावती निगम मेमोरियल पब्लिक स्कूल के प्रांगण में विद्यार्थियों द्वारा विज्ञान, कला एवं संस्कृति प्रदर्शनी का...

छात्र-छात्राओं द्वारा बनाये गए विज्ञान, कला एवं संस्कृति के माडल आकर्षण के केन्द्र रहे


बांदा। विद्यावती निगम मेमोरियल पब्लिक स्कूल के प्रांगण में विद्यार्थियों द्वारा विज्ञान, कला एवं संस्कृति प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विनोद कुमार सिंह-जिला विद्यालय निरीक्षक ने प्रदर्शनी का उद्घाटन फीता काटकर किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में विद्यार्थियों को हमेशा सकारात्मक सोच के साथ जीवन जीने की कला को अपनाने का संदेश दिया। बच्चों के जीवन को आकार देने का कार्य शिक्षक ही करते है इसलिए उनकी भूमिका महत्त्वपूर्ण हो जाती है। 

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विज्ञान प्रदर्शनी में बच्चों ने अनुपयोगी प्लास्टिक एवं रेत के उपयोग से ईट निर्माण, अशुद्ध जल का प्राकृतिक प्रक्रिया से शुद्ध बनाना, लेजर सुरक्षा प्रणाली, कचरे से विद्युत का निर्माण, मिट्टी की गुणवत्ता की जाँच एवं उसका उपचार, आधुनिक प्रक्रिया से मिट्टी एवं पेड़-पौधों की देख-रेख, इनफिनिटी वेल (दृष्टि भ्रम), सड़क पर अतिरिक्त जल सोखने की आधुनिक प्रक्रिया, वाहन धूल अवशोषक, आर्मी कैन्टोनमेंट (सुरक्षा प्रणाली), हाइड्रोलिक ब्रिज, रोप-वे, हाइपर लूप, रोबोट, जीरो कार्बन शहर, एकल पथ रेलगाड़ी, आडिनो कार (उच्च संवेदनशील), ग्रामीण एवं शहरी विकास का तुलनात्मक प्रदर्शन आदि क्रियान्वित मॉडलों का प्रदर्शन किया। प्रदर्शनी के मुख्य आकर्षण नक्षत्र मंडल ने सभी आगंतुकों को प्रशंसा हेतु विवश कर दिया एवं आत्मनिर्भर भारत मॉडल ने भारतीय आत्म गौरव को जाग्रत कर दिया।

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कला दीर्घा में जूट से निर्मित राधा-कृष्ण की मूर्ति, विभिन्न प्रकार की पेंटिंग्स, कार्डबोर्ड और क्ले से निर्मित मॉडल, वाल हैगिंग्स, फैब्रिक पेंटिंग्स, विभिन्न प्रकार के भवन निर्माण आदि एक से एक सुन्दर कलाकृतियाँ रहीं। सामाजिक विषय के अन्तर्गत डिफेंस के क्षेत्र में भारत की अभूतपूर्व उपलब्धियाँ, आयात-निर्यात, भारतीय विरासत, भारत के विभिन्न बलिदान स्थल, पारंपरिक खिलौनें, बाँदा जनपद का ऐतिहासिक भूरागढ़ का किला, प्राचीन सुप्रसिद्ध माहेश्वरी देवी मंदिर, जल प्रपात, बुन्देलखण्ड के प्रसिद्ध बाँध आदि का प्रदर्शन किया गया।

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प्रदर्शनी के मुख्य आयोजक विकास सिंह, नेहा कक्कड़, प्रशांत अग्रवाल, किरन गुप्ता एवं सुनीता शुक्ला रहे एवं निर्णायकगण डॉ. जितेन्द्र कुमार शर्मा, डॉ. प्रशांत द्विवेदी रहे। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ. संगीता लमगोड़ा ने सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार की प्रदर्शनी से युवा पीढ़ी में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का निर्माण होता है एवं रचनात्मक सोच और कार्यों में वृद्वि होती है। इस अवसर पर विद्यालय की प्राइमरी प्रमुख व किड्जी प्रमुख सहित सभी शिक्षक-शिक्षिकाएँ एवं विद्यार्थीगण उपस्थित रहे। आमंत्रित अतिथियो के साथ-साथ अभिभावकों ने भी बच्चों की वैज्ञानिक सोच व कल्पना की अभिव्यक्ति को देख भूरि-भूरि प्रशंसा की।
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