पुष्कर द्विवेदी के विरूद्ध दर्ज फर्जी मुकद्मा स्पंज करें : अशोक दीक्षित

पुष्कर द्विवेदी के खिलाफ लिखे गये मुकद्में के विरोध में बांदा अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष समेत लगभग एक सैकड़ा अधिवक्ताओं...

पुष्कर द्विवेदी के विरूद्ध दर्ज फर्जी मुकद्मा स्पंज करें : अशोक दीक्षित

बांदा। पुष्कर द्विवेदी के खिलाफ लिखे गये मुकद्में के विरोध में बांदा अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष समेत लगभग एक सैकड़ा अधिवक्ताओं ने पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर निष्पक्ष जांच की मांग की। अधिवक्ता पुष्कर द्विवेदी जोकि भाजपा के नेता भी हैं, को षड़यन्त्रवश जिला अस्पताल में तैनात स्टाफ नर्स ने हड़ताल का दबाव बनाकर जिस प्रकार मुकद्मा पंजीकृत करा लिया गया, इससे अधिवक्ताओं में खासी नाराजगी देखने को मिली। पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल ने भी मामले की निष्पक्ष जांच कराने का आश्वासन भी अधिवक्ता संघ को दिया।

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दरअसल मामला दो दिन पूर्व का है, जब भाजपा नेता व अधिवक्ता पुष्कर द्विवेदी अपने साथियों के साथ जिला अस्पताल में अपने परिचित मरीज को देखने पहुंचे थे। तभी गेट खोलने व बंद करने को लेकर वहां पर तैनात स्टाफ नर्स व उसके साथियों द्वारा भाजपा नेता पुष्कर द्विवेदी के साथ अभद्र व्यवहार किया गया। लेकिन अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ द्वारा पुष्कर द्विवेदी पर ही मनगढ़न्त आरोप लगाते हुए तथा हड़ताल का बेजा दबाव बनाते हुए मुकद्मा दर्ज करा दिया गया। यह बात आज पुलिस अधीक्षक को जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अशोक कुमार दीक्षित ने बताई। उन्होंने पुलिस अधीक्षक से अपने अधिवक्ता साथी के विरूद्ध दर्ज फर्जी मुकद्में को स्पंज कराकर मुकद्मे की वादी स्टाफ नर्स व उसके सहयोगियों के विरूद्ध दण्डात्मक कानूनी कार्यवाही किये जाने की मांग की।

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अशोक कुमार दीक्षित एडवोकेट ने मीडिया को बताया कि उनके साथी पुष्कर द्विवेदी के ऊपर उक्त फर्जी मुकद्मा पंजीकृत किया जाना पूर्णतया गलत है और उनके अधिवक्ता साथी को फंसाने का कुचक्र है। अभद्रता उनके अधिवक्ता साथी के साथ हुई है जबकि अभद्रता करने वाली स्टाफ नर्स ने उल्टा उनके साथी के विरूद्ध आरोप लगाकर मुकद्मा पंजीकृत करा दिया। उन्होंने बताया कि चूंकि अस्पताल जनसामान्य के लिए जीवन रक्षक स्थल है। वहां पर मरीज के साथ साथ तीमारदार, राजनेता, अधिवक्ता, पत्रकार व सभी वर्गों के लोग आते रहते हैं। ऐसे में संयम से काम लेते हुए अस्पताल के सम्बन्धित स्टाफ को किसी के साथ भी अभद्रता नहीं करनी चाहिये। नहीं तो जीवन रक्षक अस्पताल जैसी संस्था पर पहुंचने में लोग असहज व भयभीत होंगे। इन्हीं बातों को लेकर जब वो आज पुलिस अधीक्षक से मिले तो उन्हें निष्पक्ष जांच का आश्वासन मिला। लेकिन यदि उनकी मांगों का निस्तारण नहीं होता तो अधिवक्ता संघ न्याय की लड़ाई के लिए अगला कदम अवश्य उठायेगा।

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