पुलिस ने कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय प्रतिनिधिमंडल को मस्जिद जाने से रोका, ज्ञापन देकर बैरंग लौटे
शहर के बलखंडी नाका मोहल्ले में स्थित मस्जिद का प्रकरण तूल पकड़ता जा रहा है। अब इस मामले में सियासत...
बांदा, शहर के बलखंडी नाका मोहल्ले में स्थित मस्जिद का प्रकरण तूल पकड़ता जा रहा है। अब इस मामले में सियासत भी गर्मा रही है। आज कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा का एक प्रतिनिधिमंडल मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष तुफैल अहमद के नेतृत्व में बांदा पहुंचा। लेकिन पुलिस ने उन्हें मस्जिद तक जाने से रोक दिया। इस प्रतिनिधिमंडल ने कमिश्नर को ज्ञापन देकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
यह भी पढ़ें - बांदाः अब कमेटी तय करेगी, हजरत विलाल मस्जिद के निर्माण के पीछे क्या थी मंशा ?
आज कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा का प्रदेश प्रदेश स्तर का प्रतिनिधिमंडल पहुंचा, लेकिन पुलिस ने उन्हे कांग्रेस कार्यालय में रोक दिया मस्जिद तक जाने नहीं दिया।इस पर अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष तुफैल अहमद ने इस मामले में कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा और मांग की है कि मस्जिद में तोड़फोड़ और धार्मिक उन्माद के नारे लगाने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ 24 घंटे में कार्रवाई हो। उन्होने इस मामले में पुलिस की भूमिका को संदिग्ध बताया। उनके मुताबिक सोशल मीडिया में वायरल वीडियो में पुलिस की मौजूदगी में असामाजिक तत्व तोड़फोड़ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर इस मामले में असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती तो कांग्रेस आंदोलन को बाध्य होगी।
यह भी पढ़ें - शराब के नशे में ट्रक चालक ने खेल रहे 5 बच्चों पर चढ़ाया ट्रक, एक बच्चे की दर्दनाक मौत
उधर कांग्रेस मुख्यालय नेहरू भवन से जारी प्रेस विज्ञप्ति में अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने बताया कि प्रदेश भर से राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर ज़िले के एसपी और डीएम को निलंबित करने की मांग की गयी है। उन्होंने कहा कि मामले की जाँच और पीड़ित पक्ष से मिलने के लिए आज अल्पसंख्यक कांग्रेस का डेलिगेशन बाँदा भी गया था। लेकिन उसे मस्जिद तक नहीं जाने दिया गया। बाद में डेलिगेशन अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष तुफैल खान और प्रदेश सचिव बाबर खान के नेतृत्व में मण्डलायुक्त कार्यालय पर सक्षम अधिकारीयों से मिला और डीएम और एसपी को निलंबित करने की मांग की। शाहनवाज़ आलम ने कहा कि बाँदा पुलिस दोषियों को इसलिए बचा रही है क्योंकि वो मुख्यमन्त्री के समर्थक हैं जो खुद भी मुख्यमन्त्री बनने से पहले तक ऐसी ही अराजक गतिविधियों में लिप्त रहते थे।
यह भी पढ़ें - मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में शादी के बाद इस नवविवाहिता ने खाया जहर, हुई मौत