राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बाँदा में नेशनल इंडक्शन 6.0 का सफल आयोजन
राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बाँदा में मंगलवार को नेशनल इंडक्शन 6.0 कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया...

बाँदा। राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बाँदा में मंगलवार को नेशनल इंडक्शन 6.0 कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम द आर्ट ऑफ लिविंग और AICTE के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ, जिसका उद्देश्य देशभर के AICTE संबद्ध संस्थानों के प्रथम वर्ष के छात्रों को प्रेरणा एवं मार्गदर्शन प्रदान करना रहा।
कॉलेज के मल्टीपर्पज़ हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम का नेतृत्व निदेशक प्रो. शियो प्रसाद शुक्ला तथा संयोजन डॉ. अर्चना सिंह ने किया। कार्यक्रम में डॉ. मनोज कुमार सिंह, श्री तौसीफ खान सहित कॉलेज के सभी प्रथम वर्ष के छात्र उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण गुरुदेव का प्रेरणादायी संबोधन रहा, जिसमें उन्होंने जीवन, शिक्षा और आत्म-विकास से जुड़े गूढ़ विचार प्रस्तुत किए। उनका वक्तव्य छात्रों के लिए ऊर्जा और सकारात्मकता से परिपूर्ण रहा।
इस अवसर पर निदेशक प्रो. शियो प्रसाद शुक्ला ने कहा—
“छात्र ही कल के निर्माता हैं। उनका अनुशासन, समर्पण और मूल्य न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन बल्कि पूरे राष्ट्र की प्रगति का मार्ग तय करेंगे।”
विशेष रूप से डॉ. अर्चना सिंह की भूमिका सराहनीय रही। उनकी सूझबूझ, मार्गदर्शन और सकारात्मक ऊर्जा ने कार्यक्रम को सुव्यवस्थित रूप से संपन्न कराया और छात्रों में उत्साह एवं सहभागिता की भावना को बढ़ावा दिया।
आयोजन कॉलेज की यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यूज़ (UHV) समिति के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ। समिति का उद्देश्य छात्रों में नैतिक मूल्यों, सकारात्मक दृष्टिकोण और समग्र विकास को प्रोत्साहित करना है।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में समर्थ चौबे, कृष्णा कांत सिंह, नागेन्द्र शुक्ला, आशुतोष कुमार, नितिन वर्मा सहित UHV Cell के सभी सदस्यों की सक्रिय भूमिका रही। वहीं मानस समर्थ गुप्ता, कल्याणी और ऋषि ने भी उत्साहपूर्वक सहभागिता की।
तकनीकी प्रबंधन की जिम्मेदारी धीरू त्रिपाठी ने कुशलता से निभाई, जिन्होंने पूरे आयोजन को निर्बाध रूप से संपन्न कराया।
AICTE संबद्ध संस्थानों की सक्रिय भागीदारी, गुरुदेव का प्रेरणादायी संबोधन और प्रश्न–उत्तर सत्र इस आयोजन की प्रमुख विशेषताएँ रहीं।
राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बाँदा में आयोजित नेशनल इंडक्शन 6.0 कार्यक्रम छात्रों के लिए अत्यंत उपयोगी और प्रेरणादायी सिद्ध हुआ।
What's Your Reaction?






