झाँसी : व्यापारियों ने नहीं भरा बिजली बिल, विद्युत विभाग बना मौन

जहां एक ओर कोविड के चलते सारा देश परेशानियों में घिर गया, वहीं शासन और प्रशासन देश,प्रदेश की गाड़ी को पटरी पर लाने की कोशिश में लगा हुआ है...

झाँसी : व्यापारियों ने नहीं भरा बिजली बिल, विद्युत विभाग बना मौन

  • 5 माह से बिजली का बिल न भरने से लाखों रुपये के राजस्व को क्षति

कोविड के चलते 25 मार्च 2020 से जब सम्पूर्ण लॉक डाउन घोषित होने के बाद जब बाजार पूरी तरह बंद हो गया तब लोगों को खाद्यान्न की चिंता सताने लगी। 21 दिन लॉक डाउन रहने के बाद जब प्रशासन द्वारा खाद्य वस्तुओं के लिए ढील दी गई तो झाँसी का थोक एवं फुटकर बाजार सुभाषगंज  में भीड़ बढ़ने के कारण सम्पूर्ण थोक व्यापारियों को पुरानी गल्ला मंडी में स्थानांतरित कर दिया गया जहां प्रशासन द्वारा मुफ्त दुकानें, गोदाम व्यापारियों को मुहैया कराए।

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किंतु व्यापारियों द्वारा जो बिजली कूलर,पंखे या वातानुकूलन के लिए उपयोग की गई उसका पिछले 5 माह से बिजली विभाग को कोई भी भुगतान नहीं किया गया जिसके कारण विद्युत विभाग को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ। मंडी क्षेत्र के एस.डी.ओ. की 5 माह बाद जब नींद खुली तब उन्होंने संज्ञान में लेते हुए कई व्यापारियों के संयोजन काट दिए लेकिन तब तक राजस्व की क्षति तो हो ही चुकी थी।

मामला झाँसी जिलाधिकारी महोदय के पास पहुंचने के बाद व्यापारियों ने एक सप्ताह का समय मांगा और अपने निर्धारित संयोजन कराने का वायदा किया। सूत्रों से यह भी ज्ञात हुआ है कि सुविधा शुल्क लेकर बिजली विभाग द्वारा कटे संयोजनों को दोबारा जोड़ दिया गया।

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(सुविधा शुल्क लेकर कनेक्शन जोड़ने की पुष्टि बुन्देलखण्ड न्यूज़ नहीं करता )

अभी सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि सुभाषगंज व्यापार मंडल द्वारा 25 किलोवॉट का संयोजन लेने के लिए इक्षुक है और इसका फीस खर्च लगभग रु.60000/- आने की संभावना है। इसकी जानकारी मंडी क्षेत्र के एस.डी.ओ. ने बुन्देलखण्ड न्यूज़ के झाँसी संवाददाता को दूरभाष पर दी।

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आपको बता दें कि अगर अब भी यह संयोजन नहीं होता है तो और भी लाखों रुपये के राजस्व की क्षति बिजली विभाग को हो सकती है। अगर बिजली विभाग 5 माह पहले ही जाग जाता तो लाखों रुपये के राजस्व की क्षति को बचाया जा सकता था।

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