महंगाई ने गरीबों की रसोई का बिगाड़ा बजट
दाल और तेल के भाव आसमान छू रहे है। पिछले तीन माह में दालों में दस फीसदी व तेल में 40 फीसदी तक की वृद्घि..

तीन माह में दालें और तेल में 40 फीसद तक की हुई वृद्धि
दाल और तेल के भाव आसमान छू रहे है। पिछले तीन माह में दालों में दस फीसदी व तेल में 40 फीसदी तक की वृद्घि हुई है।
इस बढ़ोत्तरी का असर आम आदमी पर साफ दिखाई दे रहा है। रसोई का बजट पूरी तरह से बिगड़ गया है। व्यापारी आने वाले दिनों में भाव कम होने के आसार कम ही बता रहे हैं।
इससे लोगों को दाल व तेल खरीदने के लिए अधिक जेब ढीली करनी पड़ेगी।
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महंगाई के कारण लोगों को घर चलाने के लिए आर्थिक समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। इस समय तेल व दाल काफी महंगी हो चुकी है।
सबसे अधिक बढ़ोत्तरी अरहर व उर्द के दाल में हुई है। अरहर की दाल सबसे अधिक उपयोग में लाई जाती है। तीन माह पहले अरहर की दाल 80 रुपये में बिक रही थी। जो अब यह 130 रुपये प्रति किलो पहुंच गई है।
उर्द की दाल 100 रुपये प्रति किलो बिकती थी, जो अब 120 रुपये प्रति किलो पहुंच गई है। इसी प्रकार चना, मसूर व मटर की दाल में भी इजाफा हुआ है। इस महंगाई का असर लोगों पर दिखाई देने लगा है।
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व्यापारियों शुक्रवार को बताया कि कोरोना के कारण मुंबई में लॉकडाउन लगना शुरू गया है। इसकी वजह से पर्याप्त मात्रा में माल नहीं आ रहा है। इस बाद दाल का उत्पादन भी कम हुआ है।
इसके अलावा डीजल के दामों में काफी वृद्घि हो गई है। बाहरी प्रदेशों से माल आने के कारण भाड़ा भी बढ़ गया है। इसकी वजह से दामों में इजाफा हुआ है।
अगर सरकार डीजल के रेट कम कर दें तो कुछ राहत जरुर मिलेगी। यह बढ़ोत्तरी जल्द कम होने के अभी आसार नहीं दिख रहे है।
दाल व तेल की कीमतें
सामान अब छह माह पहले
अरहर 13 80
उर्द 120 100
मसूर 70 60
मूंग 90 80
चना 65 55
मटर 75 65
सरसों तेल 15 110
रिफाइंड 130 110
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हि.स
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