उप्र में 1 नवम्बर से इन 29 जिलों में शुरू होगा सघन टीबी रोगी खोज अभियान

कोविड-19 के दौरान टीबी मरीजों की खोज और पहचान के लिए बराबर चलाये जा रहे अभियान पर भी असर पड़ना स्वाभाविक था। लेकिन...

उप्र में 1 नवम्बर से इन 29 जिलों में शुरू होगा सघन टीबी रोगी खोज अभियान

लखनऊ,

  • घर-घर जाकर टीम लोगों की करेगी स्क्रीनिंग

आगामी 01 नवम्बर से प्रदेश के 29 जिलों में एक बार फिर सघन टीबी रोगी खोज (एक्टिव केस फाइंडिंग) अभियान शुरू होने जा रहा है। दस दिन तक चलने वाले इस अभियान के दौरान घर-घर जाकर टीम लोगों की स्क्रीनिंग करेगी और जिनमें प्रथमदृष्टया लक्षण नजर आयेंगे उनके बलगम की जांच करायी जाएगी।

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टीबी की पुष्टि होते ही तेजी से शुरू किया जाएगा इलाज 
प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही जिनमें टीबी की पुष्टि होगी उनका जल्दी से जल्दी इलाज शुरू किया जाएगा, क्योंकि टीबी एक संक्रामक बीमारी है जो एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे में फैल सकती है, इसलिए जितना जल्दी हो सके रोगी की पहचान कर इलाज शुरू करना होता है, नहीं तो जाने-अनजाने में वह दूसरों को भी प्रभावित कर सकता है।

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इन जनपदों में शुरू किया जाएगा अभियान
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्रदेश के 29 जनपदों अम्बेडकरनगर, अमेठी, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बांदा, बाराबंकी, बरेली, बस्ती, चित्रकूट, अयोध्या, गोंडा, गोरखपुर, हमीरपुर, जालौन, जौनपुर, कुशीनगर, महराजगंज, महोबा, मऊ, पीलीभीत, संत रविदास नगर, शाहजहांपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र, संत कबीर नगर एवं लखनऊ में 01 नवम्बर से 11 नवम्बर के बीच दस दिवसीय सघन खोज (एक्टिव केस फाइंडिंग) अभियान चलाया जाएगा । इसके तहत जिलों में अत्यधिक संवेदनशील आबादी में संभावित टीबी मरीजों की जांच और उपचार सुनिश्चित किया जाएगा।

भिन्न संस्थाओं और अधिकारियों ने 12,000 बच्चों को लिया गोद 
उन्होंने कार्यशाला में बताया कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा 18 साल से कम उम्र के उपचाराधीन बच्चों को गोद लेने की अपील पर विभिन्न संस्थाओं और अधिकारियों द्वारा करीब 12,000 बच्चों को गोद लिया गया है। इसके चलते इन बच्चों को बेहतर इलाज, देखभाल और पुष्टाहार के साथ परिजनों को भावनात्मक एवं सामाजिक सहयोग भी मिल रहा है।

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लॉकडाउन में अन्य राज्यों से आए टीबी रोगियों को भी मुहैया करायी गई दवा
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण किये गए लॉकडाउन के दौरान नेपाल से आये एक रोगी, अन्य राज्यों से उत्तर प्रदेश आये 493 क्षय रोगियों और प्रदेश के 649 उन मरीजों को जो अन्य जिलों में पहुंचे थे, उनको समय से क्षय निरोधी औषधि मुहैया कराई गयी  इसके अलावा इस दौरान प्रदेश के समस्त क्षय रोगियों से दूरभाष के जरिये संपर्क कर दवा उपलब्ध करायी गयी।

टीबी रोगियों को अब तक 162 करोड़ की धनराशि हस्तान्तरित
टीबी मरीजों को इलाज के दौरान पोषण के लिए 500 रुपये प्रतिमाह दिए जाने के लिए अप्रैल 2018 में लायी गयी निक्षय पोषण योजना के बारे में उन्होंने बताया कि योजना के तहत प्रदेश में अब तक 162 करोड़ रुपये की धनराशि प्रत्यक्ष लाभ हस्तातंरण के माध्यम से क्षय रोगियों को प्रदान की जा चुकी है, इसमें  वर्ष 2018 में 66,20,81,000 रुपये, वर्ष 2019 में 72,61,89,000 रुपये और जनवरी 2020 से अब तक 21,78,53,000 रुपये का भुगतान किया गया है । यह भुगतान सीधे बैंक खाते में किया जाता है। जिन क्षय रोगियों का बैंक खाता नहीं है, उनका खाता इन्डियन पोस्टल पेमेंट्स बैंक द्वारा मरीजों के घर जाकर खोला जा रहा है।

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तीन माह चलेगा विशेष टीकाकरण अभियान 
प्रदेश में बच्चों में विभिन्न संक्रमणों को रोकने एवं अनेक जानलेवा बीमारियों एवं बाल-मृत्यु दर को कम करने के लिए विशेष टीकाकरण अभियान आगामी तीन माह (नवम्बर, दिसम्बर 2020 एवं जनवरी 2021) में समस्त जनपदों में आयोजित किया जाएगा। इस अभियान के अन्तर्गत प्रदेश में प्रत्येक सप्ताह में बुद्धवार एवं शनिवार को आयोजित होने वाले नियमित सत्रों के साथ-साथ एक अतिरिक्त दिवस 'सोमवार' को भी टीकाकरण सत्र का आयोजन किया जाएगा। क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार अन्य दिवसों में अतिरिक्त सत्रों का भी प्रावधान भी किया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार

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