विद्यालय तक रास्ता होता तो शायद बच जाती शिक्षक साथी की जान : अखिलेश पांडेय

उत्तर प्रदेशीय  प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष अखिलेश पांडेय ने कहा कि कल बुधवार को प्राथमिक विद्यालय...

विद्यालय तक रास्ता होता तो शायद बच जाती शिक्षक साथी की जान : अखिलेश पांडेय

चित्रकूट। उत्तर प्रदेशीय  प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष अखिलेश पांडेय ने कहा कि कल बुधवार को प्राथमिक विद्यालय पवारी कलाॅ, क्षेत्र- मानिकपुर मे कार्यरत प्रधानाध्यापक श्री अशोक सिंह विद्यालय मे ही कुर्सी मे बैठे-बैठे गिर गये और बेहोश हो गये, विद्यालय के अन्य शिक्षकों ने एम्बुलेंस और परिवार को फोन किया, एम्बुलेंस तो समय से नहीं आई किंतु प्रधानाध्यापक के छोटे भाई अरविंद सिंह अपनी गाडी लेकर जल्दी ही रोड तक आ गये किंतु विडम्बना यह रही कि विद्यालय तक रास्ता ही नहीं था, चार पहिया क्या दो पहिया भी विद्यालय तक नहीं पहुंच पाते, लगभग 200 -300 मीटर पैदल ही विद्यालय तक किसी तरह पहुंचा जा सकता है, इस परिस्थिति मे सहयोगी शिक्षकों ने गांव से एक चारपाई की व्यवस्था की और चारपाई मे लिटाकर चार लोगों ने चारपाई उठाकर श्री अशोक सिंह को रोड तक ले गये और उनको जिला चिकित्सालय लाया गया, जहां उनका दुखद स्वर्गवास हो गया।

21 वीं सदी के भारत मे कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि विद्यालय तक रास्ता नहीं है और रास्ता न होने से शुरुआती आधा घंटा जो जीवन के लिए महत्वपूर्ण था, वह बरबाद हो गया और समय से इलाज न मिलने के कारण एक शिक्षक को अपनी जान गवानी पडी।

आज उन सभी जिम्मेदारों को अपने कर्तव्य पर विचार करना चाहिए जिनके निशाने पर केवल बेसिक शिक्षक रहता है, जो विद्यालय तक रास्ता नहीं दे सकते, जो विद्यालय मे सफाई कर्मी नहीं दे सकते, जो समय से एम्बुलेंस नहीं दे सकते और इतना ही नहीं मृतक के परिवार को संवेदना भी नहीं दे सकते, क्योंकि ऐसे जिम्मेदारों की नजर मे शिक्षक का मरना कोई विशेष घटना नहीं है।

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