मानकों के अनुरूप कराए जाएं पर्यटन विकास के कार्य : डीएम
जनपद के प्रमुख पर्यटन स्थलों व बेड़ी पुलिया से रामघाट तक हो रहे सौंदर्यीकरण, कायाकल्प एवं शहरी विकास कार्यों की समीक्षा बैठक सोमवार को जिलाधिकारी...
चित्रकूट। जनपद के प्रमुख पर्यटन स्थलों व बेड़ी पुलिया से रामघाट तक हो रहे सौंदर्यीकरण, कायाकल्प एवं शहरी विकास कार्यों की समीक्षा बैठक सोमवार को जिलाधिकारी पुलकित गर्ग की अध्यक्षता में आयोजित की गई। जिसमें कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल द्वारा प्रस्तावित फुटपाथ की डिजाइनिंग, प्रकाश व्यवस्था, ट्रांसफार्मरों के स्थानांतरण व पाथवे पर उपयोग की जाने वाली सामग्री पर चर्चा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि बेड़ी पुलिया चौराहे तथा बांदा-चित्रकूट मार्ग पर हो रहे सौंदर्यीकरण कार्यों की गुणवत्ता सर्वोच्च मानकों के अनुरूप सुनिश्चित की जाए। कहा कि फुटपाथ एवं घाट क्षेत्र में लगाए जाने वाले सभी पत्थर, फ्लोरिंग एवं सजावटी तत्व टिकाऊ हों। रामघाट क्षेत्र के शहरी कायाकल्प और चौड़ीकरण कार्यों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि घाट की पूरी लंबाई में बेहतरीन डिजाइन, स्वच्छता और सौंदर्य को प्राथमिकता दी जाए। कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल को निर्देशित किया कि रामघाट के फुटपाथ पर लगे ट्रांसफार्मरों को चिन्हित भूमि पर स्थानांतरित किया जाए, जिससे बाढ़ में विद्युत प्रणाली प्रभावित न हो। इसके लिए पारंपरिक लाइटों की जगह हाई मास्क लाइट लगाने के प्रस्ताव पर आवश्यक कार्रवाई की जाए। साथ ही सिंचाई विभाग को पिछले 100 वर्ष और 25 वर्ष की बाढ़ से संबंधित अभिलेख उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए ताकि भविष्य के निर्माण कार्यों में सुरक्षा के सभी पहलुओं का समुचित ध्यान रखा जा सके। सीतापुर स्थित रामघाट के निकट प्रस्तावित कार पार्किंग निर्माण तथा पर्यटन विकास कार्यों पर भी बैठक में चर्चा की गई।
जिलाधिकारी ने सभी विभागों को निर्देशित किया कि सीवरेज, ड्रेनेज एवं विद्युत ट्रेंच की ड्राइंग संबंधित विभागों जल निगम, नगर पालिका एवं यूपीपीसीएल से शीघ्र स्वीकृत कराई जाए, जिससे कार्य बिना विलंब के आगे बढ़ सके। कहा कि रामघाट एवं आसपास की गलियों की पहले और बाद की स्थिति का ड्रोन सर्वे तैयार किया जाए, जिससे विकास कार्यों की वास्तविक प्रगति का आकलन किया जा सके। घाट पर पैटर्न युक्त डिजाइनर रेड स्टोन, आकर्षक फर्श तथा फसाड का निर्माण बाढ़ की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए कराया जाए। कहा कि चित्रकूट एक महत्वपूर्ण धार्मिक एवं पर्यटन नगरी है, इसलिए यहां हो रहे सभी विकास कार्य न केवल उच्च गुणवत्ता वाले हों, बल्कि समयबद्ध भी हों।
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