एमसीएच विंग खोह में जनपद स्तरीय कार्यशाला का हुआ आयोजन
नवजात शिशु देखभाल सप्ताह के उपलक्ष्य में एक जनपद स्तरीय कार्यशाला का आयोजन 200 शैय्या एमसीएच विंग ख्रोह में किया गया...
चित्रकूट। नवजात शिशु देखभाल सप्ताह के उपलक्ष्य में एक जनपद स्तरीय कार्यशाला का आयोजन 200 शैय्या एमसीएच विंग ख्रोह में किया गया। कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ ओपी भास्कर के अतिरिक्त अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) डॉ एमके जटारिया, चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ वागीश श्रीवास्तव, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ इरा दुबे, पैथालॉजिस्ट डॉ बजेश कुमार सिंह एवं समस्त स्टाफ नर्स उपस्थित रहे।
कार्यशाला में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जटारिया द्वारा कार्यशाला के उद्द्देश्य के बारे में विस्तार से बताया गया। नवजात शिशुओं के टीकाकरण एवं सफाई के महत्व के बारे में बताया गया। कार्यशाला का लक्ष्य माताओं एवं शिशु के देखभाल से सम्बन्धित स्वास्थ्य कर्मियों के माध्यम से जनता को इस बारे में जागरुक कर शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ वागीश श्रीवास्तव द्वारा नवजात शिशुओं में खतरे के चिन्हों के बारे में बताया गया कि कैसे इसे पहचाने और इसके रोकथाम एवं उपचार के बारे में बताया गया। उन्होंने बताया यदि शिशु सुस्त है या झटके आ रहे हैं, सांस तेज चल रही है या सांस लेने में कठिनाई हो रही है अथवा शिशु दूध पीना कम कर दे या बुखार त्वचा का पीलापन लगे या अत्यधिक हो रहा हो, शिशु कर शरीर असामान्य रूप से ठण्डा लगे तो ये सभी खतरे के लक्षण है इनकी समय से पहचान एवं उपचार कर शिशु की जान बचाई जा सकती है। शिशु को साफ हाथों से ही छूना चाहिए एवं साफ कपड़े पहनाने चाहिए जिससे संक्रमण से शिशु को बचाया जा सके।
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