भागवत कथा में संगीतमय भजनों में झूमे श्रोता
मुख्यालय के बल्दाऊगंज मोहल्ले में चल रही भागवत कथा के छठवें दिन आचार्य अनुराग शास्त्री महाराज ने एकादशी के व्रत का...
 
                                नित्य दीपदान से जीवन की दरिद्रता, पाप नष्ट हो जाते है: अनुराग शास्त्री
श्री कृष्ण-रुक्मणी विवाह एवं रासलीला का कथा व्यास ने विस्तार से वर्णन किया
चित्रकूट। मुख्यालय के बल्दाऊगंज मोहल्ले में चल रही भागवत कथा के छठवें दिन आचार्य अनुराग शास्त्री महाराज ने एकादशी के व्रत का वर्णन करते हुए कहा की संसार मे अनेको व्रत है। सबकी महिमा है। लेकिन एकादशी व्रत नही महाव्रत है। हर एक परिवार मे कम से कम एक व्यक्ति को एकादशी व्रत रहना चाहिए। इस व्रत का फल यह है की अकाल मृत्यु नही हो सकती। जीव सभी पापो से मुक्त हो कर श्री हरि का प्रिय हो जाता है। बताया कि भरत जैसा भाई, गंगा जी जैसा तीर्थ, भीष्म जैसा पूत, भागीरथ जैसा सपूत, राम नाम जैसा महामंत्र एवं एकादशी जैसा महाव्रत बड़ा ही दुर्लभ होता है। तुलसी भगवान श्री हरि की पटरानी है। तुलसी भगवान श्री हरि को बहुत प्रिय है। श्री नारायण हरि कभी भी बिना तुलसी के पूजन भोग स्वीकार करते है। नित्य दीपदान से हमारे जीवन की दरिद्रता, पाप नष्ट हो जाते है। जीव यम के भय से मुक्त हो जाता है। तत्पश्चात कथा व्यास ने श्रोताओं को भगवान श्री कृष्ण के महारास, गोपी गीत, रुक्मणी विवाह एवं रासलीला का विस्तार से वर्णन किया। संगीतमय भजनों को सुन श्रोता मंत्रमुग्ध होकर नाचने लगे। सुंदर झांकियां आकर्षण का केंद्र रहीं। कथा सुनकर आरती पश्चात प्रसाद का वितरण किया गया। इस मौके पर कृष्ण कुमार श्रीवास्तव, कंचन लता श्रीवास्तव, अखिलेश श्रीवास्तव, उमेश कुमार श्रीवास्तव, आदित्य कुमार श्रीवास्तव, अरुण कुमार श्रीवास्तव, ललित श्रीवास्तव, मनोज श्रीवास्तव, मान्या श्रीवास्तव, दिव्य श्रीवास्तव, मुख्य यजमान राम आसरे श्रीवास्तव, सावित्री श्रीवास्तव सहित सैकड़ो की संख्या मे श्रोतागण मौजूद रहे। श्रीमद् भागवत कथा में हारमोनियम में राजा मिश्रा, तबला वादक सौरभ पाण्डेय, ऑर्गन विप्लव कुमार, पैड में ओमप्रकाश अपनी सेवा प्रदान कर रहे हैं।
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