बाँदा के नये कोरोना पाॅजिटिव युवक का वीडियो वायरल
अब लगता है कि प्रशासन भी लगातार महीनों से यह देखते-देखते उदासीन सा रवैया अपनाने लगा है। अब लक्षण तो छोड़िये साहब, जब कोरोना पाॅजिटिव प्रशासन के इसी उदासीन रवैये से तंग आकर अपना वीडियो बनाकर वायरल करता है तो प्रशासन की नींद खुलती है।
कोरोना कितनी तेजी से फैल रहा है, यह प्रशासन के भी समझ से बाहर की बात हो गयी है। पहले जैसे ही पता चलता था कि किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो तत्काल प्रशासन हरकत में आ जाता था, और उसे लेकर कोरोना टेस्ट कराने के बाद उस व्यक्ति को क्वारंटाईन कराया जाता था। पर अब लगता है कि प्रशासन भी लगातार महीनों से यह देखते-देखते उदासीन सा रवैया अपनाने लगा है। अब लक्षण तो छोड़िये साहब, जब कोरोना पाॅजिटिव प्रशासन के इसी उदासीन रवैये से तंग आकर अपना वीडियो बनाकर वायरल करता है तो प्रशासन की नींद खुलती है।
यही मामला हुआ है बांदा शहर के अलीगंज मोहल्ले के अखिलेश शिवहरे के साथ। अखिलेश ने एक वीडियो बनाया और बताया कि कैसे उसके परिवार के एक व्यक्ति जो रेलवे में लोको पायलट हैं, उनका कोरोना पाॅजिटिव आने के बाद प्रशासन ने उनके परिवार का कोरोना टेस्ट नहीं कराया जबकि नियमतः पूरे परिवार की जांच की जानी चाहिये। पर प्रशासन ने ये नहीं किया। लापरवाही की इस हद में जाकर प्रशासन कहीं कोरोना को बढ़ावा तो नहीं दे रहा?
अखिलेश बताते हैं कि जब उन्होंने अपना कोरोना टेस्ट कराया तो उनका टेस्ट पाॅजिटिव आया। अब उनसे संक्रमण का खतरा उनकी पत्नी तथा बच्चों को भी है। ये पता लगने पर उन्होंने अपने आपको होम क्वारंटाइन कर लिया है। अब भी प्रशासन उनका फोन तक नहीं उठा रहा। ऐसे में क्या उम्मीद की जाये? कोरोना की रोकथाम ऐसे की जायेगी तो हो चुका। इस तरह तो कोरोना रूकने वाला नहीं।
वीडियो में बेहद परेशान दिख रहे अखिलेश शिवहरे इसी बात पर चिंतित हैं कि इतने जिम्मेदार अफसर होने के बावजूद इस मुश्किल घड़ी में भी प्रशासन उनका फोन नहीं उठा रहा।
लेकिन नया अपडेट यह है कि प्रशासन ने इस वीडियो के वायरल होने के बाद अखिलेश से सम्पर्क कर इस मामले का संज्ञान लिया है। अब अखिलेश को मेडिकल काॅलेज ले जाकर उनको आईसोलेशन वार्ड में भर्ती कराने की कार्यवाही की जा रही है। साथ ही उनकी पत्नी व बच्चों का भी टेस्ट कराया जा रहा है।