बांदाःपहले सरकारी किताबें, अब 108 की चार एंबुलेंस पहुंची कबाड़ की दुकान में
जनपद बांदा में पिछले महीने परिषदीय स्कूलों में निशुल्क बंटने वाली किताबें दो कबाड़ की दुकानों से बरामद हुई थी। अब...
जनपद बांदा में पिछले महीने परिषदीय स्कूलों में निशुल्क बंटने वाली किताबें दो कबाड़ की दुकानों से बरामद हुई थी। अब शहर कोतवाली अंतर्गत एक कबाड़ की दुकान से 108 की चार एंबुलेंस बरामद होने से हड़कंप मच गया है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने यह कहकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की है कि यह एंबुलेंस इस जिले की नहीं है। अब सवाल उठता है कि आखिर यह एंबुलेंस यूपी के किस जिले की है। सीएमओ का कहना है कि पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है।
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शहर के अतर्रा चुंगी के पास 108 की चार एंबुलेंस कबाड़ी की दुकान में काटी जा रही थी। यह देख कर कुछ लोग कबाड़ी से इस बारे में पूछताछ करने लगे जो गोलमोल जवाब दे रहा था। जिससे लोगों ने इस मामले की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दी। यह जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में इसकी जांच शुरू की गई। इस बारे में कबाड़ी आरिफ का कहना है कि चारों एंबुलेंस उसने भूरागढ़ बाईपास स्थित एक वर्कशॉप से खरीदा है। एंबुलेंस एक डॉक्टर और एंबुलेंस चलाने वाली कंपनी के अधिकारी द्वारा बेची गई है। इनमें से दो बिना इंजन की थी, जिन्हें 55 हजार रुपए में खरीदा है जबकि दो अन्य एंबुलेंस 65000 रुपए में खरीदी गई है। जिसका उसने नगद भुगतान भी किया है। इसके अलावा एक महोबा की एंबुलेंस का सौदा भी हो रहा था। जिसके लिए 85 हजार 50 मांगे गए थे जिससे अभी सौदा नहीं हो पाया।इस बारे में एंबुलेंस के प्रोग्राम मैनेजर शुभम तोमर का कहना है कि जिले में 108 की 23 और 102 की 21 एंबुलेंस चल रही है। जो इस समय अच्छी कंडीशन में है। कबाड़ की दुकानें में मिली एंबुलेंस से बांदा का कोई संबंध नहीं है। यह निजी एंबुलेंस हो सकती हैं।
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इसी तरह मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में इस समय कोई भी कंडम एंबुलेंस नहीं है। कबाड़ की दुकान में पहुंची एंबुलेंस कहां की है। इस बारे में जांच की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि आरटीओ विभाग द्वारा एंबुलेंस को कंडम घोषित करने के बाद ही उसकी नीलामी कराई जाती है। बताते चलें कि पिछले महीने बबेरू तहसील के शहर स्थित दो कबाड़ की दुकानों में पर परिषदीय विद्यालयों में बंटने वाली सरकारी किताबें बरामद की गई थी इस सिलसिले में दो कबाड़ी जेल भेजे गए थे और संबंधित शिक्षक के खिलाफ भी कार्रवाई की गई थी। अब कबाड़ की दुकान में सरकारी एंबुलेंस पहुंचने से हड़कंप मच गया है। प्रशासन इस मामले में लीपापोती में जुट गया है।
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