बांदाः कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सजा के बाद भाजपा के जनप्रतिनिधियों ने कही ये बडी बात
2019 लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी सरनेम को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान पर अदालत द्वारा...
2019 लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी सरनेम को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान पर अदालत द्वारा सुनाई गई 2 साल की सजा के बाद भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राहुल के तथाकथित बयान की कड़ी निंदा की है।
भाजपा जिला मीडिया प्रभारी आनंद स्वरूप द्विवेदी ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि गुजरात भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दर्ज कराए गए मानहानि के मुकदमे को लेकर अदालत के निर्णय का स्वागत करते हुए भाजपा जिला अध्यक्ष सहित जिले के जनप्रतिनिधियों ने राहुल गांधी द्वारा दिए गए तथाकथित बयान की कड़ी भर्त्सना की है। जनपद की तिंदवारी विधानसभा से विधायक तथा उत्तर प्रदेश सरकार के जल शक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद ने कहा कि सूरत सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को मानहानी मामले में 2 साल की सजा दी है।
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कांग्रेस के नेतागण इस मामले में बातें तो बहुत कर रहे हैं, किन्तु वे ये नहीं बता रहे हैं कि आखिर राहुल गांधी ने क्या कहा था, जिसके कारण उन पर मानहनि का मुकदमा चला। दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने कर्नाटक में कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? आखिर राहुल गाँधी के इस वक्तव्य का तात्पर्य क्या था? ‘मोदी’ सरनेम जाति सूचक शब्द है, ‘मोदी’ सरनेम वाले कई लोग खिलाड़ी, डॉक्टर, इंजीनियर, नेता, प्रोफेशनल, कारोबारी इत्यादि हैं। राहुल गांधी ने ‘मोदी’ सरनेम पर ऐसी बात कही तो क्या उन पर कानूनी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए ? यदि राहुल गांधी किसी खास सरनेम से जुड़े लोगों को इस तरह सार्वजनिक तौर पर अपमानित करेंगे कि जिसका सरनेम मोदी होता है वह चोर होता है, तो मानहानि का मामला बिलकुल बनता है।
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भाजपा जिला संयोजक संजय सिंह ने अदालत के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि इस मामले में सूरत सेशन कोर्ट में बकायदा सुनवाई हुई और राहुल गांधी को भी अपना पक्ष रखने का भरपूर समुचित अवसर दिया गया। सूरत सेशन कोर्ट में पूरी सुनवाई के बाद राहुल गांधी के खिलाफ मानहानी मामले में सजा सुनाई गयी है। दूसरी ओर, भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने भी सरनेम मामले को लेकर पटना में राहुल गांधी के खिलाफ एक केस दर्ज कर रखा है। उस मामले में भी राहुल गांधी बेल पर हैं। सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी ने कहा कि यदि राहुल गाँधी सोचते हैं कि किसी को भी गाली देने और अपमानित करने का उन्हें अधिकार है, तो उनकी गाली से पीड़ित व्यक्ति को भी मानहानि का मुकदमा दर्ज करने का अधिकार है। भारतीय दंड संहिता के अनुसार, कोई भी व्यक्ति यदि किसी संगठन या किसी व्यक्ति विशेष को गाली देता या अपमानजनक शब्द कहता है, तो पीड़ित व्यक्ति या संस्था द्वारा उसके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने का अधिकार होता है। क्या कांग्रेस पार्टी को इस कानून से भी परेशानी है?
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नरैनी विधायक ओम मणि वर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि आप गाली देंगे, आप देश की सेना का अपमान करेंगे, देश के शहीदों की शहादत का मजाक बनाएंगे, आप राष्ट्रशक्ति का अपमान करेंगे, आप देश के मतदाताओं का अपमान करेंगे और कहेंगे कि मैं सत्य और अहिंसा में विश्वास करता हूं, ऐसा कैसे और कब तक चलेगा? बुंदेलखंड विकास बोर्ड चेयरमैन अयोध्या प्रसाद सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी यदि यह सोचती है कि राहुल गांधी को इस बात की स्वतंत्रता दी जाए कि वे गाली पढ़ते रहें और उनके खिलाफ न्यायालय में मुकदमा दर्ज न हो, ऐसा नहीं हो सकता, क्योंकि देश में कानून का राज है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे की टिप्पणी बेहद आश्चर्यजनक लगती है, जब वे कहते हैं कि इस मामले में कोर्ट के न्यायधीश बार बार बदले गए। इसका सीधा अर्थ है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे को देश की न्यायिक व्यवस्था पर भी भरोसा नहीं है।
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क्या कांग्रेस पार्टी न्यायपालिका को भी जेब में रखना चाहती है? खडगे जी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, अतः उन्हें जिम्मेदारी से बयान देना चाहिए। खडगे जी द्वारा बार बार न्यायाधीश बदलने वाला बयान देना अदालत की अवमानना है। भाजपा के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष इंद्रपाल सिंह पटेल ने कहा है कि ऐसी बात नहीं है कि राहुल गांधी ने पहली बार ऐसी बात की हो। राफेल मामले में भी राहुल गांधी ने कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया था और फिर माफी मांगी थी। आलोचना का हम सम्मान करते हैं, लेकिन राहुल गांधी आलोचना नहीं करते हैं, राहुल गांधी देश को बदनाम करते हैं, जनतंत्र को बदनाम करते हैं और देश की जनता को बदनाम करते हैं।