चार निजी क्लीनिकों और सेंटरों पर स्वास्थ्य विभाग का छापा, गंभीर अनियमितताएं उजागर
चित्रकूटधाम मंडल के अपर आयुक्त द्वितीय भगवान शरण और चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के संयुक्त...

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियाें ने क्लीनिकाें की रिपाेर्ट तैयार कर कार्रवाई की संस्तुति की
बांदा। चित्रकूटधाम मंडल के अपर आयुक्त द्वितीय भगवान शरण और चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक डा. राजेश मोहन गुप्ता ने शहर के चार चिकित्सा क्लीनिकों पर औचक निरीक्षण किया। आवास विकास कॉलोनी स्थित चारों क्लीनिकों और डायग्नोस्टिक सेंटरों में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं।
संयुक्त निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण चित्रकूट मंडल डॉक्टर राजेश मोहन गुप्ता और चित्रकूट मंडल के अपर आयुक्त भगवान शरण ने शुक्रवार काे बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापेमारी की कार्रवाई गुरुवार को दोपहर 3 बजे शुरू की गई और देर शाम तक चली।
सबसे पहले स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रामा हेल्थ केयर क्लीनिक का निरीक्षण किया, जिसे होम्योपैथिक चिकित्सक डा. उमेश गुप्ता संचालित कर रहे हैं। डॉ. उमेश की डिग्री बीएचएमएस की है, लेकिन मौके पर उनकी गैर-चिकित्सक पत्नी मरीजों को देखने की स्थिति में पाई गईं। क्लीनिक में भीड़भाड़ थी, जिसमें अधिकांश महिलाएं थीं। टीम काे पूछताछ में स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां अवैध गर्भपात कराए जाते हैं। क्लीनिक में एलोपैथिक दवाओं का बड़ा स्टोर मिला, जबकि होम्योपैथिक दवाएं मौजूद नहीं थीं। एक कमरे में प्रसव व गर्भपात के उपकरण भी पाए गए हैं। क्लीनिक का सीएमओ कार्यालय में कोई पंजीकरण नहीं मिला। डॉ. उमेश और उनकी पत्नी बिना वैध अनुमति और पद्धति के चिकित्सा करने के दोषी पाए गए।
इसके बाद बाबा बर्फानी डायग्नोस्टिक प्रा. लि. सेंटर में छापा मारा गया, जहां अल्ट्रासाउंड मशीन चालू हालत में मिली, लेकिन पंजीकृत चिकित्सक अनुपस्थित थे। एक महिला मरीज की रिपोर्ट में भ्रूण की उम्र 31 सप्ताह पाई गई। आधे घंटे इंतजार के बावजूद कोई डॉक्टर नहीं आया, केवल संचालक नीरज अवस्थी व अन्य कर्मचारी मौजूद थे। संस्थान के पास भ्रूण लिंग परीक्षण संबंधित नियमावली व दस्तावेज भी अनुपलब्ध पाए गए। पंजीकरण की वैधता भी 31 अप्रैल 2025 तक ही सीमित थी।
इसी तरह पटेल क्लिनिक, जिसके मालिक डा. विजय किशोर पटेल हैं, को केवल ओपीडी के लिए पंजीकृत किया गया था, लेकिन जांच में तीन मंजिला अवैध अस्पताल संचालित होता पाया गया। करीब 30 बेड और छह प्राइवेट रूम मिले, जहां 40 मरीज भर्ती थे, जिनमें से अधिकांश को ऑक्सीजन और ड्रिप लगी थी। यहां अग्निशमन विभाग की एनओसी भी नहीं मिली।
आवास विकास कॉलोनी ए-249 में संचालित बाला जी डायग्नोस्टिक सेंटर में एक वयोवृद्ध सेवानिवृत्त चिकित्सक उपस्थित मिले, जिनके प्रमाण पत्र केवल पैथोलॉजी के लिए थे, लेकिन संचालक धीरेन्द्र सिंह गौतम ने उन्हें अल्ट्रासाउंड विशेषज्ञ के रूप में प्रस्तुत किया। चिकित्सक ने स्वयं स्वीकार किया कि वे केवल "टाइम पास" के लिए आते हैं। सेंटर का अल्ट्रासाउंड पंजीकरण डा. अखिलेश कुमार के नाम पर है, जो मौके पर मौजूद नहीं थे।
इन सभी जगहाें पर छापेमारी के बाद चित्रकूट मंडल के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के संयुक्त निदेशक डॉ गुप्ता और अपर आयुक्त भगवान शरण ने बताया कि उन्हाेंने अपनी जांच रिपोर्ट तैयार कर ली है। रिपाेर्ट में बताया गया कि टीम ने जिन क्लीनिकाें आदि में निरीक्षण किया गया, उनमें सभी संस्थान मानकों के विपरीत संचालित हो रहे हैं। रिपोर्ट में इन संस्थानों के विरुद्ध नियमानुसार अग्रिम कार्रवाई की संस्तुति की गई है।
हिन्दुस्थान समाचार
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