ये क्या हुआ, ज्यादा लालच के चक्कर में फंस गई चाची
चौबे जी गए थे छब्बे बनने, उल्टे दुबे होकर आए। प्रयास वेलफेयर सोसाइटी की ओर से शुक्रवार को मंचित हास्य..
लखनऊ,
- ‘चर्चा चाची के चर्चे‘ का संगीत नाटक अकादमी प्रेक्षागृह में हुआ मंचन
चौबे जी गए थे छब्बे बनने, उल्टे दुबे होकर आए। प्रयास वेलफेयर सोसाइटी की ओर से शुक्रवार को मंचित हास्य ‘नाटक चर्चा चाची के चर्चे‘ संदेश दिया गया कि व्यक्ति लालच के चक्कर में फंसकर परेशानियों में पड़ जाता है। नाटक के निर्देशन व पटकथा लेखक तमाल बोस थे।
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नाटक का मंचन लखनऊ के गोमती नगर स्थित संगीत नाटक अकादमी के वाल्मीकि ऑडिटोरियम में किया गया। नाटक की कहानी में दर्शाया गया कि मोहल्ले में चाची की पान की दुकान होती है पर वह चलती नहीं हैं, इसलिए चाची कुछ ऐसा करना चाहती है जिससे वह चर्चा में आ जाए। इसके लिए वह अफवाह उड़ा देती है कि उसका एक करोड़ का कुत्ता खो गया है। उस कुत्ते को ढूढ़ने वाले को पचास लाख रुपए का ईनाम देने की घोषणा सरकार कर देती है।
कई दिचलस्प उतरा चढ़ाव से गुजरते नाटक के अंत में चाची को अपनी गलती का अहसास हो जाता है। नाटक में मंच पर कलाकार ऋषभ पाण्डेय, नम्रता पाण्डेय, अंशिका गौतम, अनामिका सिंह, शिवा राव, सनी मौर्या, राजेश गुप्ता, जैक, राम विश्वकर्मा, अंजली श्रीवास्तव, शिखा श्रीवास्तव, प्रतीक कुमार तिवारी, प्रदुम कुमार विश्वकर्मा, तरुण बजापेई, अर्पिता सिंह, कंचन शर्मा, शाम्भवी सिंह ने अपनें प्रभावी अभिनय से प्रशंसा हासिल की। मंच परे में कलाकारों में मंच सामग्री राकेश और प्रतीक ने व्यवस्थित की ,जबकि संगीत संचालन मनोज पाण्डेय का रहा। वेशभूषा परिकल्पना कंचन शर्मा और अंशिका गौतम की रही। प्रेक्षागृह व्यवस्था नीशू त्यागी की थी, वहीं मुख सज्जा ऋषभ पाण्डेय की रही। मंच प्रबंधन दबीर सिद्दीकी ने किया।
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हि.स़