उमेश पाल हत्याकांड : पत्रकार जफर अहमद ने कहा, अतीक से दूर दूर तक नहीं है वास्ता

प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी पूर्व सांसद व माफिया अतीक अहमद की पत्नी को मकान किराए में दिए...

उमेश पाल हत्याकांड : पत्रकार जफर अहमद ने कहा, अतीक से दूर दूर तक नहीं है वास्ता

प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी पूर्व सांसद व माफिया अतीक अहमद की पत्नी को मकान किराए में दिए जाने के मामले में एक एजेंसी के पत्रकार जफर अहमद फंसते नजर आ रहे हैं। बांदा में उनके दोनों मकानों के दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं।

अगर मकान का नक्शा नहीं पाया गया या अभिलेखों में कुछ गड़बड़ी पाई गई तो उनके बांदा में बने मकान को भी ध्वस्त किया जा सकता है। हालांकि इस मामले में जफर अहमद ने व्हाट्सएप के माध्यम से सफाई देते हुए कहा है कि मेरा अतीक अहमद या उनकी पत्नी से किसी तरह का कोई वास्ता नहीं है। मकान मैंने अपनी बहनोई के कहने पर उन्हीं किराए पर दिया था।

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ज़फर अहमद ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि मेरा एक मकान 297/205कसारी मसारी चकिया में था जिसे 1 मार्च 2023 को अतीक अहमद के नाम पर बिना किसी पूर्व सूचना के गिराया गया है। उसे मैंने जनवरी 2021 में अपने बहनोई  खान सौलत हनीफ एडवोकेट हाई कोर्ट के माध्यम से खरीदा था। जिस दिन मैंने मकान का बैनामा करवाया था। मैंने उसी दिन अपने मकान को देखा था।

उसके बाद उस मकान में मैं कभी भी नही गया। मकान की चाबी भी मेरे बहनोई खान सौलत हनीफ के पास ही थी। फरवरी 2021 में मेरे बहनोई खान सौलत हनीफ ने मुझसे पूछा कि अतीक अहमद की पत्नी श्रीमती शाइस्ता परवीन मेरे मकान को कुछ महीनों के लिए किराए पर मांग रहीं है। उनके बच्चो का बोर्ड का एग्जाम है मायके में उन्हें बहुत दिक्कत है। कुछ दिनों में वह अपना मकान बनवा कर कहीं शिफ्ट हो जायेंगी। कुछ दिन की बात है।

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मैं अपने बहनोई की बात मना नही कर सका, बीस हजार रुपए महीने पर बात हुई थी लेकिन बाद में श्रीमती शाइस्ता परवीन ने उसमे काफी नवीनीकरण करवाया और कहा कि इसका पैसा किराए में एडजेस्ट हो जाएगा। मैं कभी कभी अपने भाई बहनों से मिलने प्रीतम नगर इलाहाबाद तक जाता था और उसी दिन वापिस आ जाता था। मैं स्वयं कभी शाइस्ता परवीन अतीक अहमद या उनके परिवार से कभी भी नही मिला। लगभग एक माह से मैं इलाहाबाद भी नही गया मेरा मोबाइल नंबर 9598967453 एवम 9455030303 है।

मेरा मकान गिरने के बाद से मीडिया पर काफी भ्रामक खबरे चलाई जा रही हैं जिसमे मुझे अतीक अहमद का गुर्गा बताया जा रहा है। कहीं कुछ बताया जा रहा है यदि मुझे मालूम होता कि अपना मकान भी किसी को किराए पर देना अपराध हो सकता है। तो मैं कभी भी अपना मकान किराए पर नही देता।

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मैं पिछले 14 वर्षों से मीडिया से जुड़ा हूं मेरी छवि और चरित्र के बारे में जनपद बांदा के किसी आम आदमी से और बांदा में पूर्व में रह चुके और वर्तमान में मौजूद किसी प्रशासनिक एवम पुलिस अधिकारियों एवम कर्मचारियों से मेरे चरित्र एवम छवि के बारे में जानकारी ली जा सकती है। मैं किसी भी जांच के लिए तैयार हूं। इधर एसपी अभिनंदन का कहना है कि जफर अहमद की प्रापर्टी के दस्तावेजों की जांच नगर पालिका और विकास प्राधिकरण से कराई जा रही है।

जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी। मोहल्ला के बुजुर्गों का कहना है कि जफर अहमद के दोनों मकान काफी पुराने बने हैं। ऐसे में दोनों मकानों के भवनों का नक्शा पास कराने को लेकर संशय की स्थिति है। ऐसे में यदि दोनों भवन के निर्माण को लेकर खामियां मिलीं तो जिला प्रशासन इन पर भी बुलडोजर चलवा सकता है। 

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