जालौन में फाइलेरिया से सबसे ज्यादा प्रभावित गांव है सरावन

जिले में स्वास्थ्य योजनाएं हर नए आयाम स्थापित कर रही हैं। इसी क्रम में फाइलेरिया अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने उस..

जालौन में फाइलेरिया से सबसे ज्यादा प्रभावित गांव है सरावन
फाइल फोटो

जिले में स्वास्थ्य योजनाएं हर नए आयाम स्थापित कर रही हैं। इसी क्रम में फाइलेरिया अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने उस गांव का भी पता लगा लिया है जहां जनपद के सर्वाधिक मरीज हैं। माधौगढ़ ब्लाक के सरावन गांव में फाइलेरिया के 29 मरीज हैं। इन मरीजों में महिलाओं की संख्या सर्वाधिक है। स्वास्थ्य टीम के अनुसार गांववासी अब जागरूक हो रहे हैं और सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए आगे आ रहे हैं। वहीं फाइलेरिया के मरीजों ने बताया कि अधिक कार्य करने पर शरीर में असहनीय दर्द होता है।

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  • दो साल पहले पता चला हाथ में है फाइलेरिया की बीमारी

फाइलेरिया से पीडि़त चंद्रवती का कहना है कि उन्हें दो साल पहले पता चला कि उनका  हाथ  फईलेरिया ग्रसित हैंIजिसकी वजह से वह अब ज्यादा काम भी नहीं कर पाती हैंI चंद्रवती बताती है कि स्वास्थ्य कर्मियों ने उन्हें फईलेरिया की जो की उनके एवं उनके परिवार द्वारा ग्रहण की गयी है वह फाइलेरिया का कष्ट समझती है और चाहती है कि बीमारी परिवार में किसी को न हो।

  • ज्यादा काम करने पर आ जाती है सूजन

यही हाल 46 वर्षीय रानी देवी का है। उनका भी कहना है कि उनके हाथ में दर्द होता था। सूजन भी आने लगी थी। जब जांच कराई तो पता चला कि फाइलेरिया है। अब उस हाथ से काम करने में दिक्कत होती है। हालांकि वह तीन साल से फईलेरिया की  दवाई खा रही हैं जिससे उनकी बीमारी बढ़ नहीं रही परन्तु हाथ में कभी कदर दर्द अधिक होता हैI ।

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  • पहले देसी इलाज कराया, जांच में फाइलेरिया निकला

65 वर्षीय बुजुर्ग लीलावती का कहना है कि उनके पांव में सूजन आने लगी जिसके साथ दर्द भी होने लगाI  । पहले तो वह देसी  इलाज कराती रही पर जब आराम नहीं मिला तो गांव में जांच के लिए आई टीम को उन्होंने अपनी समस्या बताई।

जांच हुई तो उन्हें पता पड़ा की उन्हें  फाइलेरिया की बीमारी है I। अब वह बीमारी के साथ  बेहद कष्टप्रद जीवन जी रही है। क्योंकि परिवार में वह और उनके बुजुर्ग पति ही है। ऐसे में बुढ़ापा बमुशल कट रहा है।

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  • मच्छरों से फैलने वाली बीमारी है फाइलेरिया

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. जी.एस स्वर्णकार का कहना है कि यह बीमारी मच्छरों से फैलने वाली बीमारी है। यदि व्यक्ति साल में एक बार भी फाइलेरिया की दवा का सेवन कर लेता है तो वह फाइलेरिया जैसी बीमारी से बच सकता है। बीमारी से बचाव के लिए हर व्यक्ति को एक बार दवा का सेवन जरूर करना चाहिए।    

  • नियमित दवा का सेवन करें, परेशानी होने पर अस्पताल में दिखाएं   

वेक्टर बोर्न के नोडल अधिकारी डॉ. एस.डी चौधरी का कहना है कि फाइलेरिया लाइलाज बीमारी है इससे बचाव  के  लिए सिर्फ  दो उपाय है, पहला तो मच्छरों से बचाव करें और दूसरा फाइलेरिया अभियान के दौरान साल में एक बार मिलने वाली दवा का सेवन जरूर करें। उन्होंने बताया कि जिले में फिलहाल 705 मरीज है, जिनका उपचार चल रहा है। जो भी मरीज है, वह दवा का सेवन करते रहे और ज्यादा परेशानी होने पर अस्पताल में जाकर इलाज जरूर लें।

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