कृषि विश्वविद्यालय बाँदा का कृषि विज्ञान केन्द्र, हमीरपुर भी पुरस्कृत
बांदा, 16 जून भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्रों के द्वारा किये जा रहे कार्यों के मूल्यांकन हेतु..
बांदा, 16 जून भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्रों के द्वारा किये जा रहे कार्यों के मूल्यांकन हेतु आयोजित कार्यशाला में कृषि विज्ञान केन्द्र हमीरपुर को भी पुरस्कृत किया गया है। कृषि विज्ञान केन्द्र हमीरपुर को यह पुरस्कार जलवायु अनुकूल कृषि पर राष्ट्रीय नवप्रवर्तन परियोजना (निक्रा) के अन्तर्गत किये गये कार्य के लिये मिला है।
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कृषि विश्वविद्यालय बाँदा के कुलपति डा. यू.एस.गौतम ने कृषि विज्ञान केन्द्र हमीरपुर के अध्यक्ष एवं उनकी पुरी वैज्ञानिक टीम को उनके द्वारा किये गये कार्य के लिये बधाई दिया है। डा. गौतम ने कहा कि वर्तमान में बदल रहे जलवायु एवं वातावरण की दशा में खेती को लाभ का धन्धा बनाने को यह आवश्यक है कि कम अवधि एवं सूखा प्रतिरोधी प्रजाति के प्रचार-प्रसार के साथ खेती में पानी का प्रयोग बहुत ही समुचित हो।
कृषि विश्वविद्यालय बाँदा के सह निदेशक प्रसार डा. नरेन्द्र सिंह ने कृषि विज्ञान केन्द्र हमीरपुर के द्वारा किये गये जलवायु अनुकुल कृषि तकनीकी के प्रसार के लिये पुरस्कृत किये जाने पर कहा कि यह हम सबके लिये गर्व की बात है।कृषि विज्ञान केन्द्र हमीरपुर द्वारा निक्रा परियोजना के अन्तर्गत दो ग्रामों को अंगीकृत किया है। परियोजना का उद्देश्य परिवर्तन हो रहे जलवायु के अनुसार कृषि पद्धति को अपनाने को कृषकों को जागरूक करना एवं पद्धति अथवा माॅडल को अंगीकृत करवाना है।
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यहाँ के वैज्ञानिकों द्वारा सूखा एवं अधिक तापमान के हिसाब से मृदा प्रबन्धन, सूक्ष्म सिंचाई पद्धति, जैविक खेती को बढ़ावा देना जिससे मृदा में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा बढ़ाई जा सके, साथ ही विभिन्न फसलों की सूखा रोधी प्र्रजातियों को लोकप्रिय बनाने को वभिन्न कार्य किये। इस परियोजना के अन्तर्गत वैज्ञानिकों द्वारा बकरी की प्रजाति जकराना तथा वर्ष भर प्राप्त किये जा सकने वाले चारे को भी कृषक प्रक्षेत्र पर विकसित किया। इसके अलावा इन अंगीकृत गांवों में रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण भी दिये गये।
कार्यशाला में समीक्षा के दौरान सभी कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा विकसित किये गये समेकित कृषि प्रणाली (आईएफएस माॅडल) की सराहना की गयी। ज्ञात हो की बुन्देलखण्ड परिक्षेत्र में स्थापित सभी कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा समेकित कृषि प्रणाली (आईएफएस माॅडल) को क्षेत्रानुकुल माॅडल के रूप में विकसित किया गया है, जिसमें क्षेत्र के विभिन्न कृषि एवं कृषि से सम्बन्धित उपक्रमों को कृषक प्रक्षेत्र पर विकसित कर प्रति इकाई क्षेत्र से अतिरिक्त आय अर्जित कर जोखिम को कम किया जा सके।
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