झांसी : ट्रेन से दो नन व दो किशोरियों को उतारना पड़ा महंगा, ग्रह मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट
बीते सप्ताह धर्मांतरण के संदेह में दो नन व उनके साथ जा रहीं दो किशोरियों को झांसी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से उतारे जाने के मामले..
- केंद्रीय गृह मंत्रालय नेे मामले की रिपोर्ट जीआरपी से तलब की
बीते सप्ताह धर्मांतरण के संदेह में दो नन व उनके साथ जा रहीं दो किशोरियों को झांसी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से उतारे जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। केरल के मुख्यमंत्री द्वारा इस घटना पर आपत्ति जताए जाने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पूरे मामले की रिपोर्ट जीआरपी से तलब की है।
19 मार्च को ट्रेन नंबर 08478 उत्कल एक्सप्रेस के कोच नंबर बी-2 में लीविया थोमस, हेमलता (ईसाई धर्म की नन) और श्वेता व बीतरंग हजरत निजामुद्दीन से राउरकेला (ओडिशा) के लिए यात्रा कर रही थीं। इसी ट्रेन के कोच नंबर बी-1 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता भी झांसी आ रहे थे।
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कार्यकर्ताओं ने धर्मांतरण के संदेह में किशोरियों को ले जाने की सूचना रेलवे के 182 नंबर पर आरपीएफ को दी थी। कार्यकर्ताओं की सूचना के बाद एक संगठन के नेता भी झांसी स्टेशन पहुंच गए थे। आरपीएफ से सूचना मिलने के बाद जीआरपी ने भी प्लेटफार्म पर पहुंचकर शाम करीब साढ़े सात बजे चारों को ट्रेन से उतार लिया था।
डेढ़ घंटे की पड़ताल के बाद धर्मांतरण की शिकायत गलत निकलने पर सभी को छोड़ दिया गया था। इसके बाद वह सभी दूसरी ट्रेन से राउरकेला रवाना हो गईं थी। उस समय मामला ठंडा पड़ गया था। लेकिन, हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की केरल में हुई एक सभा में ये मामला उठाया गया था।
गृह मंत्री को इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा देना पड़ा था। इसके बाद केरल के मुख्यमंत्री ने भी घटना पर आपत्ति जताते हुए केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखा था। इस पर गृह मंत्रालय की ओर से बुधवार को इस पूरे मामले की रिपोर्ट झांसी जीआरपी से तलब की गई है।
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