हिन्दुओं की एकता और अखंडता के लिए अहंकार को तोड़ना जरूरी : मोहन भागवत

देश के विघटित हिंदुओं को एक सूत्र में पिरोने के लिए श्रीतुलसी पीठाधीश्वर जगदगुरू स्वामी रामभद्राचार्य महाराज द्वारा भगवान श्रीराम..

हिन्दुओं की एकता और अखंडता के लिए अहंकार को तोड़ना जरूरी : मोहन भागवत
मोहन भागवत (Mohan Bhagwat)

देश के विघटित हिंदुओं को एक सूत्र में पिरोने के लिए श्रीतुलसी पीठाधीश्वर जगदगुरू स्वामी रामभद्राचार्य महाराज द्वारा भगवान श्रीराम की संकल्प भूमि चित्रकूट में आयोजित ’हिंदू एकता महाकुंभ’ में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हिंदू एकता के लिए अहंकार को तोड़ना होगा। अहंकार और स्वार्थ का विचार खत्म करने से ही कार्य बेहतर होंगे। लगातार प्रयास करने से ही सफलता मिलेगी। कहा कि इस बार अधर्म की लड़ाई धर्म से है।

तपोभूमि चित्रकूट में आयोजित हिन्दू एकता महाकुंभ में मुख्य अतिथि रहे संघ प्रमुख मोहन भागवत ने देव और राक्षसों के बीच हुए द्वंद का किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा कि सत्ता के लिए धर्म के रास्ते का त्याग नहीं करना चाहिए। मोहन भागवत ने प्रतिज्ञा लेते हुए कहा कि ’ मैं हिंदू संस्कृति का मर्यादापूर्वक सबकी राजी से संकल्प लेता हूं।

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सर्व समाज में अपने पवित्र हिंदू धर्म, संस्कृति, समाज के संरक्षण, संवर्धन, सुरक्षा के लिए आजीवन कार्य करूंगा। प्रतिज्ञा लेता हूं कि किसी भी हिंदू भाई को धर्म से विमुख नहीं होने दूंगा। जो हिंदू धर्म छोड़कर गए हैं उनकी घर वापसी का काम कराएंगे। उन्हें अपने परिवार का फिर से हिस्सा बनाएंगे। हिंदू बहनों की सुरक्षा, सम्मान, शील की रक्षा के लिए सर्वत्र अर्पण करेंगे। जाति, वर्ग, भाषा, पंथ के भेदभाव से ऊपर उठकर हिंदू समाज को सशक्त बनाने के लिए शक्ति का प्रयोग करेंगे।

आपको बता दें कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत बुधवार की सुबह सवा छह बजे उत्तर प्रदेश संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से चित्रकूट पहुंचे। चित्रकूट धाम कर्वी रेलवे स्टेशन में कार्यक्रम संयोजक आचार्य रामचंद्रदास, डीआरआई संगठन सचिव अभय महाजन आदि ने स्वागत किया। संघ प्रमुख ने हाथ जोड़कर सभी अभिवादन स्वीकार किया और बिना कुछ बोले कार में बैठकर भारत रत्न नानाजी द्वारा स्थापित दीनदयाल शोध संस्थान के आरोग्यधाम गये थे। यहां पर हिंदू एकता महाकुंभ में देश के विभिन्न प्रांतों और स्थलों से आए धर्माचार्य व संत और महंत धर्मांतरण, लव जिहाद, हिंदू की आबादी, गो हत्या व नदियों के प्रदूषण आदि ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की।

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हि.स

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