क्षत्रिय बाहुल्य इस सीट पर सभी दलों में टिकट के लिए जोर आजमाइश शुरू

जनपद बांदा में तिंदवारी विधानसभा सीट से विश्वनाथ प्रताप सिंह चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बने थे। क्षत्रिय बाहुल्य इस सीट..

Nov 24, 2021 - 05:04
Nov 24, 2021 - 05:12
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क्षत्रिय बाहुल्य इस सीट पर सभी दलों में टिकट के लिए जोर आजमाइश शुरू

जनपद बांदा में तिंदवारी विधानसभा सीट से विश्वनाथ प्रताप सिंह चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बने थे। क्षत्रिय बाहुल्य इस सीट पर सभी दलों में ठाकुर प्रत्याशी टिकट के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व विधायक पर भाजपा दांव लगा सकती है।

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मुख्यमंत्री बनने के बाद विश्वनाथ प्रताप सिंह 1981 में उप चुनाव लड़कर यहां से विधायक बने थे। उनके लिए कांग्रेस के शिव प्रताप सिंह ने इस्तीफा देकर सीट छोड़ी थी। जिस पर उपचुनाव हुआ था और यहीं से जनता दल से चुनाव लड़ने के बाद प्रधानमंत्री सांसद चुने गए और प्रधानमंत्री बने थे।

उस समय तिंदवारी विधानसभा सीट फतेहपुर लोक सभा क्षेत्र से संबद्व थी। इधर 2012 में हुए परिसीमन में इसे अब हमीरपुर लोकसभा सीट से जोड़ दिया गया है। इस निर्वाचन क्षेत्र की खासियत रही है कि यहां सर्वाधिक क्षत्रिय प्रत्याशियों का दबदबा रहा है। अब तक 7 बार इस सीट से ठाकुर प्रत्याशी विधायक बन चुके हैं।

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  • 1974 में अस्तित्व में आई यह सीट

बांदा सदर सीट से जुड़े इस निर्वाचन क्षेत्र को 1974 में अलग करके तिंदवारी विधानसभा सीट बनाई गई थी। 1974 में ही हुए चुनाव में भारतीय जनसंघ के जगन्नाथ सिंह चुनाव जीते और 19 77 में जनता पार्टी के टिकट पर जगन्नाथ सिंह विधायक बने थे। 1980 में कांग्रेस के शिव प्रताप सिंह ,1981 में हुए उपचुनाव में मुख्यमंत्री रहते बी पी सिंह ने चुनाव जीता।

वर्ष 1985 में कांग्रेस के अर्जुन सिंह ने जीत हासिल की। इसके बाद 1989 में जनता दल के टिकट पर चंद्रभान सिंह उर्फ चंदा भैया ने जीत हासिल की, 1991 और 1993 में बसपा से विशंभर निषाद, 1996 में बसपा से महेंद्र प्रसाद निषाद और 2207 में सपा के विशंभर निषाद चुनाव जीते। 2012 के चुनाव में कांग्रेस के दलजीत सिंह ने जीत हासिल की थी।  2017 में भाजपा के बृजेश प्रजापति ने दलजीत सिंह से यह सीट छीन ली।

इस तरह देखा जाए तो इस सीट पर क्षत्रियों का बोलबाला रहा है। यही वजह है कि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सभी दलों में क्षत्रिय प्रत्याशियों ने टिकट के लिए जोर आजमाइश तेज कर दी है। भाजपा के वर्तमान विधायक बृजेश प्रजापति का टिकट कटने की अटकलें लगाई जा रही हैं और कांग्रेस के पूर्व विधायक दलजीत सिंह भाजपा का टिकट झटकने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। भाजपा दलजीत सिंह पर दांव लगा सकती है। इसी तरह सपा से महेंद्र सिंह गौतम, अशोक सिंह गौर जोर आजमाइश कर रहे हैं और बसपा से जयराम सिंह टिकट पाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

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