गुरुदर्शन के लिए बेहद खास है शुक्रवार और शनिवार के दिन, पृथ्वी के पास आ रहा है बृहस्पति ग्रह
खगोल विज्ञान में रुचि खरने वाले लोगों के लिए अगले दो दिन बहुत ही खास होने जा रहे हैं। शुक्रवार, 6 दिसम्बर...
शनिवार को बृहस्पति, पृथ्वी और सूर्य होंगे एक सरल रेखा में
भोपाल। खगोल विज्ञान में रुचि खरने वाले लोगों के लिए अगले दो दिन बहुत ही खास होने जा रहे हैं। शुक्रवार, 6 दिसम्बर और शनिवार, 7 दिसम्बर की शाम आकाश में बेहद खास खगोलीय घटना दिखने जा रही है, जिसमें सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह जुपिटर या बृहस्पति इस साल के लिए पृथ्वी के सबसे नजदीक आकर सबसे तेज चमक के साथ अपेक्षाकृत बड़ा दिखने जा रहा है।
नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने गुरुवार को इस खगोलीय घटना के संबंध में बताया कि शुक्रवार को जुपिटर इस साल पृथ्वी के सबसे नजदीक होगा। इस घटना को जुपिटर एट पेरिजी कहते हैं। इस समय जुपिटर की पृथ्वी से दूरी लगभग 61 करोड़ 17 लाख 61 हजार किमी होगी। इस तरह गुरुदर्शन का यह सबसे अच्छा अवसर होगा, जबकि इसे पास होने के कारण सबसे अधिक चमकीला और अपेक्षाकृत बड़ा देख पाएंगे।
उन्होंने बताया कि इस घटना के अगले दिन शनिवार, 7 दिसम्बर को जुपिटर एट अपोजीशन की खगोलीय घटना होने जा रही है। इसमें सूर्य की परिक्रमा करती हुई पृथ्वी इस स्थिति में आ जाएगी कि पृथ्वी के एक ओर सूर्य होगा तो दूसरी ओर जुपिटर। इस तरह जुपिटर, पृथ्वी और सूर्य एक सरल रेखा में होंगे।
सारिका ने बताया कि आप जुपिटर को शाम को चमकते हुए पूर्व दिशा में देख सकते हैं, लेकिन अगर आप टेलिस्कोप से देखेंगे तो इसकी डिस्क की पट्टिकाओं तथा इसके मून को भी देख पाएंगे। इस घटना के समय जुपिटर माइनस 2.8 के मैग्नीटयूड से चमक रहा होगा। उन्होंने बताया कि बृहस्पति जिसे गुरू भी कहते हैं, इस समय आकाश में वृषभ तारामंडल में है। यह शाम को उदित होने के बाद रात भर आकाश में रहकर मध्यरात्रि में सिर के ठीक ऊपर होगा तथा सुबह पश्चिम में अस्त हो जाएगा। तो तैयार हो जाइए आकाश में गुरुदर्शन करने के लिए।
हिन्दुस्थान समाचार