बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद नदियों में बुन्देलखण्ड में जलप्रलय
मध्य प्रदेश और राजस्थान के बांधों से कई लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद जालौन व बांदा की यमुना व बेतवा नदी तथा केन नदी का..
मध्य प्रदेश और राजस्थान के बांधों से कई लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद जालौन व बांदा की यमुना व बेतवा नदी तथा केन नदी का जल स्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया है। वहीं, रामपुरा क्षेत्र में पहुंज व सिंध नदियों का पानी बढ़ने से कई गांवों का संपर्क टूट गया है। बाढ़ आने की आंशका को लेकर लोग भयभीत हैं। वही कालपी से होकर गुजरने वाली यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान 108 मीटर को पार कर गया है। नदियों का पानी बढ़ने से जिले में रामपुरा, महेवा, कदौरा, ब्लाक के गांव प्रभावित होने की आशंका बढ़ गई है। बता दें कि माताटीला और राजस्थान के धौलपुर के बांधों से पानी छोड़े जाने का सिलसिला जारी है।
यह भी पढ़ें - हिंदू देवी देवताओं पर जातिगत टिप्पणी पर छात्रों ने प्रदर्शन किया
जिसके बाद बुंदेलखंड की कई नदियों का जल स्तर बढ़ चुका है जालौन से होकर गुजरने पांच नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। यमुना और बेतवा नदी ने अपने खतरे के निशान को पार कर लिया है। इसके अलावा सिंध और पहुज नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। नदी का पानी बढ़ने से निचले इलाकों में पानी बढ़ गया है। जिससे कई गांवों का संपर्क मार्ग टूट चुका है। बेतवा नदी में राजघाट, माताटीला और पारीक्षा बांध से पानी छोड़ा गया था। इससे डकोर ब्लॉक के कई गांव तक पानी पहुंच गया था। पानी बढ़ने से गांव के लोग काफी परेशान हैं। वही बेतवा नदी का जलस्तर पिछले 24 घंटे में खतरे के निशान को 122 मीटर को पार कर गया था।
नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। जिससे प्रशासन ने बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया है। वहीं, कालपी क्षेत्र में यमुना नदी में कोटा बैराज से 4 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद तेजी से बाढ़ का पानी बढ़ रहा है। यमुना नदी ने गुरूवार की सुबह अपने खतरे के निशान 108 मीटर को पार कर 110.11 मीटर पर पहुंच चुकी है। जालौन के रामपुरा क्षेत्र में चंबल नदी के जलस्तर बढ़ने से निनावली जागीर, कूसेपुरा, किशनपुरा, नरौल, बिल्लौर, जखेता, हुकमपुरा, जायघा, मुहब्बतपुरा, कर्रा गांव के किनारे बाढ़ का पानी पहुंच गया है। जिससे कई गांव में पानी भरने लगा है और इस कारण संपर्क मार्ग टूट गए हैं। कदौरा क्षेत्र के इकौना गांव में पानी बढ़ने से गांव गिर चुका है। उनका संपर्क ब्लॉक मुख्यालय से कट चुका है लोग अपने घरों में कैद होने को मजबूर हैं राहत के लिए जिला प्रशासन ने सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर रखा है।
यह भी पढ़ें - टिकटॉक से जुड़े लाखों प्रशंसकों को सदमा, सोनाली फोगाट का हार्ट अटैक से निधन
वहीं, डीएम चांदनी सिंह ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करने के बाद बताया कि धौलपुर से पानी छोड़े जाने के बाद कालपी की यमुना नदी का जलस्तर बढ़ गया है और खतरे के निशान पर है। कुछ गांवों का संपर्क मार्ग टूट गया है। राहत शिविरों को तैयार किया गया है। राहत सामग्री भी एकत्रित की जा चुकी है। इसके अलावा उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जहां जलस्तर बढ़ा है उन इलाकों में लोग न जाएं। सेल्फी और मनोरंजन से दूरी बना कर रखे ताकि कोई अनहोनी न हो। पांचों तहसीलों के एसडीएम को निगरानी में लगाया गया है इसके अलावा कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है।
इधर जनपद बांदा में केन नदी और यमुना नदी में बाढ़ आ जाने से नदी के किनारे आवाद गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। खासकर पैलानी तहसील के अंतर्गत चिल्ला में यमुना नदी का जलस्तर खतरे का निशान पार करके डेढ मीटर ऊपर बह रहा है। जिससे इस इलाके के दो दर्जन से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। इन गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। साथ ही 2 गांव ऐसे हैं जिन्हें खाली कराकर गांव के लोगों को सुरक्षित बाढ़ चौकियों पर भेज दिया गया है। राहत और बचाव कार्य प्रशासन द्वारा शुरू कर दिए गए हैं। अभी भी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।
यह भी पढ़ें - अरे ये क्या...डीएम का चश्मा छीनकर ले गया बंदर, चश्मा वापस लेने को खरीदी फ्रूटी