आईटीआर दाखिल करने की डेडलाइन पास : ध्यान रखें ये महत्वपूर्ण बातें

इनकम टैक्स रिटर्न यानी आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि अब पास आ गई है...

आईटीआर दाखिल करने की डेडलाइन पास : ध्यान रखें ये महत्वपूर्ण बातें

इनकम टैक्स रिटर्न यानी आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि अब पास आ गई है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने वित्त वर्ष 2023-24 (एसेसमेंट ईयर 2024-25) के लिए आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2024 निर्धारित की है।

सही आईटीआर फॉर्म का चयन

टैक्सपेयर्स के लिए यह जानना जरूरी है कि कौन सा आईटीआर फॉर्म उनके लिए सही है। गलत आईटीआर फॉर्म भरने से आपका आईटीआर रिजेक्ट हो सकता है और आपको जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।

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आईटीआर फॉर्म की कुल संख्या

आयकर विभाग ने कुल सात आईटीआर फॉर्म जारी किए हैं। आपको कौन सा आईटीआर फॉर्म भरना चाहिए, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी इनकम कहां से हो रही है, आपकी कुल इनकम कितनी है और आप किस श्रेणी में आते हैं।

आईटीआर-1 फॉर्म कौन भर सकते हैं?

ITR-1 फॉर्म या सहज फॉर्म उन लोगों के लिए है जिनकी कुल सालाना आय 50 लाख रुपये से अधिक नहीं है। यह कमाई सैलरी, पेंशन या अन्य स्रोतों से हो सकती है। घर या प्रॉपर्टी से कमाई करने वाले भी यह फॉर्म भर सकते हैं।

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आईटीआर-2 फॉर्म किसके लिए है?

अगर आपकी सालाना इनकम 50 लाख रुपये से अधिक है तो आप आईटीआर-2 फॉर्म भर सकते हैं। शॉर्ट टर्म, कैपिटल गेन, एक से ज्यादा हाउस प्रॉपर्टी से कमाई करने वाले, और खेती से 5000 रुपये से ज्यादा कमाई करने वाले लोग इसे भर सकते हैं।

आईटीआर-3 फॉर्म का उपयोग

ITR-3 फॉर्म वे लोग या HUF भर सकते हैं, जिनकी कमाई अपने बिजनेस या पेशा से हो रही है। इसमें सैलरी, हाउस प्रॉपर्टी, कैपिटल गेन्स, हॉर्स रेसिंग, लॉटरी आदि से कमाई भी शामिल होती है।

आईटीआर-4 फॉर्म के लिए योग्य

ITR-4 फॉर्म उन टैक्सपेयर्स के लिए है जिनकी आय कई स्रोतों से आती है और जो आयकर अधिनियम की धारा 44AD, 44ADA या 44AE के तहत निर्धारित आय अनुमान योजनाओं के आधार पर गणना की जाती है।

आईटीआर-5 फॉर्म संस्थाओं के लिए

ITR-5 फॉर्म उन संस्थाओं के लिए है जो फर्म, LLPs, AOPs, BOIs के रूप में रजिस्टर्ड हैं।

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आईटीआर-6 फॉर्म कंपनियों के लिए

ITR-6 फॉर्म उन कंपनियों के लिए है, जो आयकर अधिनियम 1961 की धारा 11 से संबंधित छूट का दावा नहीं कर रही होती हैं।

आईटीआर-7 फॉर्म

ITR-7 फॉर्म उन व्यक्तियों और कंपनियों के लिए है जिन्हें धारा 139(4ए), 139(4बी), 139(4सी), या 139(4डी) के तहत रिटर्न प्रस्तुत करना अनिवार्य है।

जीरो आईटीआर

जीरो आईटीआर फॉर्म एक तरह का आईटीआर रिटर्न होता है, जिसे निल आयकर रिटर्न फाइलिंग कहते हैं। यदि कोई व्यक्ति इनकम डिपार्टमेंट की ओर से जारी किए गए टैक्स स्लैब से बाहर होता है और फिर भी टैक्स रिटर्न फॉर्म भरता है तो इसे जीरो आईटीआर फाइलिंग माना जाता है।

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