सक्रिय शिक्षण विधियां अपनाएं शिक्षक : बीके शर्मा

जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान शिवरामपुर में उप शिक्षा निदेशक प्राचार्य डायट एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बीके शर्मा...

Nov 4, 2025 - 10:28
Nov 4, 2025 - 10:30
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सक्रिय शिक्षण विधियां अपनाएं शिक्षक : बीके शर्मा

एआरपी, एसआरजी एवं डायट मेंटर्स की माह अक्टूबर की हुई मासिक समीक्षा बैठक

चित्रकूट। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान शिवरामपुर में उप शिक्षा निदेशक प्राचार्य डायट एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बीके शर्मा की अध्यक्षता में एआरपी, एसआरजी एवं डायट मेंटर्स की माह अक्टूबर की मासिक समीक्षा बैठक हुई। 

बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में जिला विद्यालय निरीक्षक रविशंकर मौजूद रहे। इस मौके पर बेेसिक शिक्षा विभाग की अकादमिक एवं सहशैक्षिक गतिविधियों में सहयोग, शैक्षिक गुणवत्ता संवर्द्धन से संबंधित विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। मुख्य चर्चा बिंदुओं में सपोर्टिव सुपरविजन, स्पेल बी प्रतियोगिता, संकुल शिक्षक बैठकें, शिक्षक डायरी एवं संदर्शिका का उपयोग, निपुण तालिका, टीएलएम, विज्ञान एवं गणित किट का प्रयोग, निपुण प्लस ऐप के माध्यम से विद्यार्थियों का आकलन, कक्षा शिक्षण में दीक्षा ऐप का उपयोग, एफएलएन प्रशिक्षण की प्रगति तथा तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल रहे। बैठक में सभी एआरपी द्वारा विद्यालय भ्रमण के दौरान देखी गई समस्याओं एवं चुनौतियों पर विचार विमर्श किया गया तथा उनके समाधान के लिए ठोस सुझाव प्रस्तुत किए। साथ ही आगामी माह नवम्बर के लिए कार्य योजना एवं रणनीति भी तैयार की गई। इस अवसर पर प्राचार्य डायट बीके शर्मा ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता तभी बढ़ेगी जब कक्षा-कक्षा तक सीखने के वातावरण को जीवंत बनाएँगे। शिक्षकों को चाहिए कि वे विद्यार्थियों की सीखने की आवश्यकताओं को समझते हुए सक्रिय शिक्षण विधियाँ अपनाएँ। शिक्षण सामग्री का रचनात्मक उपयोग करें और तकनीकी साधनों जैसे निपुण प्लस एवं दीक्षा ऐप का समुचित प्रयोग करें। उन्होंने सभी एआरपी, एसआरजी एवं मेंटर्स को विद्यालयों के सतत अकादमिक सहयोग और शिक्षकों के क्षमता विकास पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। इस अवसर पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने भी अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा कि लर्निंग आउटकम शिक्षा की गुणवत्ता का वास्तविक मापदंड हैं। प्रत्येक शिक्षक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि विद्यार्थी केवल पाठ्यपुस्तक तक सीमित न रहें, बल्कि सीखे हुए ज्ञान का व्यवहारिक प्रयोग कर सकें। उन्होंने शिक्षकों से अपील किया कि वे विद्यार्थियों में पठन, लेखन, गणना तथा विश्लेषणात्मक सोच के विकास पर विशेष ध्यान दें। बैठक में डायट के समस्त संकाय सदस्य, एआरपी, एसआरजी, मेंटर्स उपस्थित रहे। बैठक का समापन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रति सामूहिक संकल्प के साथ किया गया।

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