राष्ट्रीय कार्यक्रम में छात्राओं को बताए कला की बारीकी

जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कार्यक्रम कलाकार के तीसरे दिन कलाकारों ने अपने...

राष्ट्रीय कार्यक्रम में छात्राओं को बताए कला की बारीकी

संगम के दृश्यों को तूलिका में निरूपित कर रहे कलाकार

चित्रकूट। जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कार्यक्रम कलाकार के तीसरे दिन कलाकारों ने अपने तूलिका संचालन को जारी रखते हुए नित्य नये चित्रों का भावपूर्ण चित्रण कर रहे हैं। प्रो कनुप्रिया के द्वारा भारतीय मिनीएचर चित्रण को बारीक तरीके से बनाया गया। प्रो उमाशंकर द्वारा कुंभ को लेकर चित्र उकेरे। यतींद्र महोबे द्वारा साधु के अलौकिक स्वरूप को निरूपित किया गया। वहीं आशुतोष मिश्रा के द्वारा नागा साधु का यथार्थ चित्रण कौतूहल का केंद्र रहा। प्रो कुमुद बाला के द्वारा गोस्वामी तुलसीदास जी का हनुमान जी को तोता स्वरूप में दर्शाया गया।

प्रो छारी के द्वारा अमूर्त दृश्य में गुढ़ रहस्यता को खोजने का प्रयास किया गया। प्रो अरशद अमीन के द्वारा महाकुंभ पर एक विशाल चित्र का कार्य गतिमान रहा। प्रो अमृत लाल द्वारा भारतीय आध्यात्मिक बिंबो को प्रतीकात्मक के साथ सृजित किया गया। दिनेश कुमार मौर्य के द्वारा रामघाट एवं प्रयागराज संगम के दृश्यों को बड़े मनोभाव से निरूपित किया गया। डॉ रेनू वर्मा के द्वारा संतों के मार्मिक चित्रों का सृजन किया गया। प्रो राजेश भौमिक के द्वारा आधुनिक तरीके से चित्रों के निर्माण की प्रक्रिया जारी रही। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ मधुरेंद्र कुमार पर्वत द्वारा कार्यशाला का निरीक्षण किया गया। कलाकारों से संवाद कर उनका उत्साहवर्धन किया। बाल विद्या मंदिर के छात्र-छात्राओं ने कार्यशाला में आकर कलाकारों से संवाद एवं कला की बारीकियो को पूछा। संचालन प्रो गुलाबधर प्रभारी चित्रकला विभाग ने किया।

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